डीएनए हिंदी: Sarcoma Cancer इस कैंसर का नाम आप लोगों ने बहुत ही कम सुना होगा. जुलाई का महीना सारकोमा कैंसर अवेरनेस मंथ (Sarcoma Cancer Awareness month) के नाम से जाना जाता है इसलिए इसपर चर्चा हो रही है. सारकोमा कैंसर बहुत ही रेयर है लेकिन यह शरीर के सॉफ्ट हिस्सों (Soft Tissues) में होता है. जब यह होता है तब पता नहीं चलता और धीरे धीरे अपनी जगह बना लेता है. हड्डियां, मांसपेशियां, सॉफ्ट टिश्यूज,लिम्फ में इस कैंसर का शिकार होते हैं. सारकोमा कैंसर कई तरह के होते हैं. यह कैंसर काफी घातक होता है.

क्या है यह कैंसर (What is Sarcoma Cancer) 

यह कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है. जब यह ट्यूमर ब्लड वेसल्स, टिश्यूज, नस इन सब में फैल जाता है तो इसे रोक पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. धीरे धीरे यह उस हिस्से के विकास को रोक देता है. घातक यानी मलिग्नैंट सॉफ्ट टिशूज ट्यूमर (Malignant soft tissue tumors) को सॉफ्ट टिशूज सारकोमा कहा जाता है.यह रोग ज्यादातर वयस्कों में होता है लेकिन बच्चों में भी असामान्य नहीं है.

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इन लोगों को होता है सारकोमा कैंसर का खतरा

सभी तरह के कैंसरों में सारकोमा के होने की आशंका एक फीसदी से भी कम होती है और इस बीमारी के होने का कोई कारण भी निश्चित नहीं है. हालांकि कुछ ऐसी वजहें जरूर हैं जिनसे खतरा बढ़ जाता है. इनमें रेडिएशन थेरेपी,एचआईवी से पीड़ित लोग,रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी (Immune deficiency) के साथ पैदा हुए लोग और ऐसे लोग जो ऑर्गन ट्रांसप्लांट,जेनेटिक विषमता (abnormality) और केमिकल एक्सपोजर की वजह से इम्यून सिस्टम सुधारने के लिए दवाओं का इस्तेमाल करते हैं आदि शामिल हैं.

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सारकोमा के लक्षण क्या हैं (What are the symptoms of Sarcoma) 
 

  • एक गांठ जो त्वचा के माध्यम से महसूस की जा सकती है जो दर्दनाक हो भी सकती है और नहीं भी
  • हड्डी में दर्द बने रहना (यह दर्द बिना किसी चोट या अन्य दुर्घटना के होता है)
  • एक टूटी हुई हड्डी जो अप्रत्याशित रूप से होती है, जैसे कि मामूली चोट या बिल्कुल भी चोट नहीं होने पर
  • पेट में दर्द बने रहना जो कि सामान्य से लेकर गंभीर तक हो सकता है 
  • बिना किसी मेहनत के वजन घटने लगना 

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क्या है इलाज (Treatment for Sarcoma Cancer)

पहले तो इस कैंसर की जांच की जाती है, जांच के बाद यह तय होता है कि कौन सा स्टेज है और कैंसर को कैसे ट्रीट किया जाएगा. स्कैन, एक्सरे और एमआरआई के जरिए जांच होगी इसके बाद थैरेपी शुरू होती है. अगर ज्यादा जरूरत हुई तो आखिर में सर्जरी ही आखिरी रास्ता बचता है. 

कई बार कैंसर की पहचान के लिए और ट्यूमर का प्रकार जानने के लिए बायोप्सी की जाती है. कैंसर की स्टेज ट्यूमर के आकार, ग्रेड और शरीर में फैलने के हिसाब से तय की जाती है. डॉक्टर्स कहते हैं कि यह कैंसर आसानी से ठीक नहीं होता है, इसमें जीवित रहने के चांसेज बहुत कम होते हैं. अगर मरीज के हाथ, पैर या पेट पर लंप्स हैं तो उनके पास एकमात्र विकल्प यह है कि वे जल्द से जल्द फिजिशियन से सलाह लें. जितनी जल्दी इसका पता लग जाएगा, नतीजे भी उतने ही बेहतर रहेंगे. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 


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What is sarcoma cancer symptoms and treatment
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Sarcoma Cancer: शरीर के सॉफ्ट हिस्सों में होता है यह कैंसर, क्या है लक्षण
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सारकोमा कैंसर
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Sarcoma Cancer: शरीर के सॉफ्ट टिश्यूज में होता है यह कैंसर,क्या वाकई इतना खतरनाक है?