13 जनवरी से अब तक महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में 53 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है, हर दिन यहां लाखों  श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाने आ रहे हैं. लेकिन, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को सौंपी गई एक  रिपोर्ट में बताया गया है कि त्रिवेणी संगम का पानी सीवेज से भी ज्यादा दूषित और खतरनाक है. रिपोर्ट के मुताबिक, अपशिष्ट जल संदूषण के सूचक 'फेकल कोलीफॉर्म' नाम का बैक्टीरिया, जिसकी स्वीकार्य सीमा 1ML पानी में 100 है, यह 2,500 पाया गया है. 

CPCB Report में क्या आया सामने?
बता दें कि CPCB ने 3 फरवरी को एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें महाकुंभ मेले के दौरान संगम में 'फेकल कोलीफॉर्म' नाम का बैक्टीरिया के स्तर में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं. इस रिपोर्ट का खुलासा अब हुआ है. NGT ने संगम में इस बैक्टीरिया का लेवल बढ़ने पर चिंता जताई है. खासतौर पर संगम के पास  गंगा-यमुना में कई जगह पर इस बैक्टीरिया का लेवल बढ़ा पाया गया, जिसकी बढ़ोतरी शाही स्नान के दिनों में ज्यादा देखने को मिली है. 

बता दें कि फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया, इंसान और जानवरों के मल में होता है और यह सीवेज के जरिए पानी में मिल जाता है. इसके कारण पानी की क्वॉलिटी खराब हो जाती है. ऐसे में पानी की क्वालिटी बिगड़ने से प्रयागराज की नदियों का पानी नहाने लायक नहीं है. 

कितना खतरनाक है यह बैक्टीरिया?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह बैक्टीरिया इंसानों व जानवरों की आंतों व मल में होता है और यह खुद कोई खतरनाक बीमारी नहीं फैलाता. हालांकि पानी में इसकी मौजूदगी दूसरे खतरनाक बैक्टीरिया का संकेत हो सकता है. बीमार करने वाले अधिकतर पैथोजेन इंसानों व जानवरों के मल से आता है. 

विशेषज्ञों के मुताबिक टोटल कोलीफॉर्म का एक प्रकार फेकल कॉलीफॉर्म है, जिसका एक प्रकार ई. कोली बैक्टीरिया है. टोटल कोलीफॉर्म मिट्टी या दूसरे वातावरणीय कारकों से आता है और फेकल कोलीफॉर्म और ई. कोली मल से आता है.

क्या हैं हेल्थ रिस्क?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब आप ऐसा पानी पीते हैं, या ऐसा पानी आपकी आंखों या मुंह पर लगता है. ऐसी स्थिति में फेकल बैक्टीरिया आपके शरीर में पहुंच सकता है. ऐसे में साफ-सफाई का ध्यान न रखने और खाने-पीने की चीजों में इस बैक्टीरिया पहुंच जाने से हेल्थ रिस्क बढ़ जाता है.

ऐसी स्थिति में व्यक्ति को डायरिया और यूरिनरी इन्फेक्शन हो सकते हैं. इतना ही नहीं इससे सेप्सिस जैसा सीरियस इन्फेक्शन भी हो सकता है. वहीं गंभीर मामलों में अगर शरीर के अंदर फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का प्रभाव बढ़ता है, तो मरीज की मौत भी हो सकती है.

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What is faecal coliform bacteria found in sangam holy water river in mahakumbh not suitable for bathing CPCB report to NGT
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आचमन छोड़िए, नहाने लायक भी नहीं संगम का पानी, गंगा में बढ़ा Faecal Bacteria 
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CPCB Report: आचमन छोड़िए, नहाने लायक भी नहीं संगम का पानी, गंगा में बढ़ा Faecal Coliform Bacteria 

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