डीएनए हिंदी: पेट में जब एसिडीटी ज्यादा होने लगती है तो वह उपर की ओर चढ़ती है, इससे सीने से लेकर गले तक में भयानक जलन होती है. खट्टी डकार, सीने में जलन, मतली, उल्टी, मुंह में कड़वा पानी आना कभी-कभार होना खानपान में गड़बड़ी का संकेत होता है लेकिन बराबर ये समस्या कई गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है. तो चलिए जानें कि किन-किन वजहों से सीने और गले में जलन होती है और इसके खतरे क्या हैं.
छाती और गले में जलन क्यों होती है?
पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड अम्ल मौजूद होता है, जो खाने के टुकड़ों को तोड़ने का काम करता है. यही अम्ल जब इसोफेगस की परत से होकर गुजरता है, तो सीने या पेट में जलन होती है, क्योंकि इसोफेगस की परत हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को बर्दाश्त नहीं कर पाती. बेवक्त खाने की वजह से भी हाइपर एसिडिटी हो सकती है.
एसोफेगस कैंसर
एसोफेगस कैंसर में भी सीने से लेकर गले तक में जलन होती है. एसोफेगस को ग्रसिका/ ग्रासनाल और फूड पाइप भी कहा जाता है. एसोफेगस हमारे मुंह को पेट से जोड़ने वाली पाइप होती है.
पेप्टिक अल्सर डिसीज
पेप्टिक अल्सर डिसीज से जूझ रहने लोग अक्सर इसे सीने में जलन समझकर नजअंदाज कर देते हैं. हार्टबर्न और पेप्टिक अल्सर डिसीज के लक्षण बिल्कुल एक जैसे होते हैं. इसलिए जी मिचलाने, उल्टी, जलन वाला दर्द और ब्लीडिंग के कारण मल के रंग बदलने जैसे लक्षणों पर भी ध्यान देना जरूरी है. ऐसा होने पर इसकी तुरंत जांच कराएं.
लक्षण हार्ट अटैक का वॉर्निंग साइन
सीने में दर्द, तेज हार्टबीट, चिपचिपी त्वचा, इनडाइजेशन और जी मिचलाना जैसे लक्षण हार्ट अटैक का वॉर्निंग साइन हो सकते हैं. सीने में जलन के साथ दर्द, मुंह का कड़वा स्वाद, लेटने पर दर्द बढ़ना, चटपटा खाने के बाद गले तक जलन बढ़ना हार्टबर्न के प्रमुख लक्षण होते हैं
हायटस हर्निया
जब पेट का हिस्सा डायफ्राम में कमजोरी के कारण छाती के निचले हिस्से को ऊपर की तरफ धकेलता है तो इसे हायटस हर्निया कहा जाता है. इस समस्या को छाती में दर्द या जलन के वक्त जांच कराने पर ही पकड़ा जा सकता है. आमतौर पर ये दिक्कत 50 से ज्यादा उम्र के लोगों में देखी जाती है. जब तक लक्षण गंभीर ना हो तब तक इसका इलाज कराने की भी जरूरत नहीं पड़ती है. सीने में लगातार जलन बढ़ने पर इसका इलाज जरूर कराएं.
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पेट-सीने और गले की जलन से राहत के उपाय-Instant relief from burning sensation in stomach, chest and throat.
जलन में राहत दिलाता है ठंडा दूध
दूध सीने की जलन (heartburn) दूर करने में बहुत उपयोगी है, बस दूध रूम टेंपरेचर पर होना चाहिए, फ्रिज का नहीं. एक गिलास ठंडे दूध में 1 चम्मच शहद मिलाकर अगर आप पीएंगे तो सीने की जलन तुरंत कम होने लगेगी.
किशमिश का पानी
एक गिलास पानी में मुट्ठीभर किशमिश को रात भर भिगोकर रख दें. दूसरे दिन उसी किशमिश के पानी में पीसकर ठंडे दूध के साथ लें.
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सौंफ का काढ़ा
हाइपर एसिडिटी में सौंफ को एक कप पानी में उबाल लें और इस काढ़े को पीते रहें. यह जलन को शांत करने के साथ पेट का फूलना भी रोकेगा.
आंवले से दूर होगी जलन
सभी जानते हैं कि आंवाला बहुत ही गुणकारी है. वहीं, आंवले का सेवन आपको कई तरह की बीमारियों से बचाता है. यह सीने में जलन दूर करने के प्रभावी उपायों में से एक माना गया है. जलन (heartburn) को दूर करने के लिए आप कच्चा आंवला भी खा सकते हैं या सबसे बेहतर होगा कि आप आधा चम्मच आंवले के चूर्ण को 1 गिलास पानी के साथ ले सकते हैं. यह आपके सीने की जलन को तुरंत शांत कर आपको आराम दिलाएगा.
केला भी है फायदेमंद
केला एक बहुत ही गुणकारी फल है यह तो सभी जानते हैं. यह भी सीने में जलन को शांत करने में सहायता करता है. इसलिए जब भी आपको सीने में जलन की समस्या हो तो आप तुरंत केले का सेवन कर लें. इससे आपके सीने की जलन (heartburn) शांत तो होगी हीी, साथ ही आपको तुरंत राहत ही मिल जाएगी.
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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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