डीएनए हिंदीः लंग्स की खराबी का एक बड़ा कारण आजकल स्मॉग बन रहा है. सर्दियों में स्मॉग के कारण फेफड़ों में धूल-धुआं ही नहीं हवा में बिखरे कैमिकल्स के नैनों पार्टिकल्स भी जम रहे हैं, अगर आप स्मॉग को कोहरा समझ कर जरा सी भी लापरवाही कर रहे हैं तो बस इतना समझ लें कि आपके लंग्स को खराब होने से बचाया नहीं जा सकेगा.
गले में खराश, कफ-बलगम, खांसी या सांस फूलने जैसी समस्या हो रही तो इस हल्के में न लें, सर्दियों में अपने फेफड़ों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है. कोरोना का कहर भी ठंड में है ऐसे में फेफड़े की सुरक्षा के लिए कुछ उपाय आपको जरूर करने होंगें.
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सर्दियों में सर्दी-जुकाम, खांसी और किसी भी तरह का संक्रमण भले वो गले का हो या छाती का उसे नजरअंदाज न करें. स्मॉग फेफड़ों के लिए जहर के समान है. कई फेफड़ों की बीमारियां धुएं में सांस लेने के कारण फैल जाती है. ऐसे में विंटर स्मॉग से अपने फेफड़ों को बचाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं. यहां उन्हीं के बारे में बताया गया है.
स्मॉग से फेफड़ों को बचाने के तरीके | Ways To Protect Lungs From Smog
मास्क का करें इस्तेमाल
लंग्स को बचाने का सबसे कारगर हथियार मास्क है. इसके साथ ही स्मॉग में निकलने से बचें. अपने घर के अंदर रहने की कोशिश करें और अपने आसपास भी साफ-सफाई रखें. अगर आप प्रदूषित वातावरण में बाहर जाते हैं, मास्क का इस्तेमाल जरूर करें. इससे आप जहरीले तत्वों से बच पाएंगे जो हवा में तैर रहे हैं.
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प्रणायाम करें
फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने के लिए आपको प्रणायाम जरूर करना चाहिए. सक्रिय रहे और किसी भी तरह की एक्सरसाइज जरूर करें. इससे आपके फेफड़े की क्षमता और लड़ने की शक्ति बढ़ती है. ब्रिदिंग एक्सरसाइज, योग और साथ ही स्ट्रेंथ एक्सरसाइज आपके फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. जब वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब होता है, तो आपको बाहर के बजाय घर के अंदर ही व्यायाम करना चाहिए, खासकर सुबह के वक्त.
इम्यूनिटी बढ़ाएं
अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आपकी इम्यूनिटी स्ट्रांग होनी जरूरी है. गले में जलन, सूखी खांसी से फेफड़ों में जमाव बढ़ जाता है. इम्यूनिटी स्ट्रांग हो तो आप इन बीमारियों से बच सकते हैं और फेफड़े मजबूत बना सकते हैं. तुलसी, मुलेठी, अमलतास, उन्नाब, सप्लस्तान जैसी आयुर्वेदिक चीजें हैं, जो वायुमार्ग को साफ रखकर फेफड़ों पर तनाव को कम कर सकते हैं.
तंबाकू और धूम्रपान से दूर रहें
धूम्रपान खतरनाक होता है, खासकर उन लोगों के लिए जो सांस से जुड़ी समस्याओं जैसे अस्थमा और सीओपीडी से पीड़ित हैं. यहां तक कि सेकेंड हैंड स्मोक भी खतरनाक है, खासकर तब जब वायु प्रदूषण का स्तर अधिक हो.
संक्रमण से बचने बरते सावधानी
अपने हाथों को धोते रहें. आस-पास भी सफाई रखे. खांसी, जुकाम या फ्लू वाले लोगों से सुरक्षित दूरी बनाएं. हाइड्रेटेड रहें. हेल्दी फल और सब्जियां खाएं और टीका लगवाना न भूलें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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कफ और गले में खिचखिच को हलके में न लें, सर्दियों में स्मॉग से खराब हो रहे फेफड़े का भी लक्षण