डीएनए हिंदीः आजकल खराब लाइफस्टाइल और खानपान के (Liver Cirrhosis) कारण गंभीर बीमारियां जन्म ले रही हैं. इसकी वजह से लोग लिवर में खराबी, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में अपनी सेहत का खास ख्याल रखना बहुत ही जरूरी है. आज हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे लक्षणों (Liver Cirrhosis) के बारे में, जो इस ओर इशारा करते हैं की आपका लिवर खराब हो चुका है. दरअसल लिवर अगर 25% भी स्वस्थ है तो यह खुद को तेजी से दोबारा ठीक कर सकता है. लेकिन अगर लिवर सिरोसिस हो जाए तो इस स्थिति में लिवर अस्वस्थ हो जाता है और इसकी वजह से गंभीर (Lver Cirrhosis Symptoms) परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. इसलिए इसके लक्षणों को भूलकर भी नजरंदाज न करें, इससे लिवर पूरी तरह से डैमेज हो सकता है और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है...

लिवर सिसोरिस के क्या हैं लक्षण

इन लक्षणों की मदद से आप आसानी से लिवर सिरोसिस या लिवर संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या का पता शुरुआती स्टेज में ही लगा सकते हैं. ऐसे  में सही समय पर उचित इलाज शुरू कर आप लिवर से जुड़ी समस्यायों से छुटकारा मिल सकता है. बता दें स्वस्थ लिवर सबसे पहले फैटी लिवर में बदल जाता है और फिर इसके बाद लिवर फाइब्रोसिस का रूप लेता है. इसके बाद आखिर में लिवर सिरोसिस बन जाता है. ऐसी स्थिति में शरीर में कई लक्षण नजर आते हैं. आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे में...

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इन लक्षणों को न करें अनदेखा 

लिवर में खराबी के कारण सबसे पहले स्किन और आंखों में पीलापन नजर आने लगता है, जिसे पीलिया कहा जाता है. इस स्थिति में गहरा पीला पेशाब, गाढ़ा भूरा या खून के रंग जैसा मल, उल्टी, मितली, पैरों में सूजन, स्किन में खुजली, भूख कम लगना, हर समय थकावट महसूस करना, पेट दर्द, कमजोरी, जोड़ों में दर्द और बिना कारण वजन घटने जैसे लक्षण नज़र आने लगते हैं.

ऐसे में अगर आपको इनमें से किसी भी प्रकार के लक्षण कई दिन से महसूस हो रहे हैं तो तत्काल डॉक्टर की सलाह लें और लिवर फंक्शन टेस्ट कराएं. बता दें कि इस टेस्ट को शॉर्ट में LFT भी कहते हैं, जिसकी मदद से लिवर से जुड़ी कई समस्याओं का पता लगा सकते हैं. इससे टेस्ट से लिवर के संक्रमण का पता चलता है लिवर सिरोसिस है या नहीं और अगर है तो किस हद तक है इसका पता लगाया जा सकता है. इसके अलावा अगर आप किसी प्रकार का इलाज करवा रहे हैं तो उसके प्रभाव का भी पता चलता है. साथ ही किसी भी दवा के साइड इफेक्ट का पता चलता है.

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इस बात का भी रखें ध्यान

बता दें कि लक्षण महसूस होने पर सचेत रहने के लिए LFT कराना एक कारगार तरीका है. इसके अलावा अगर किसी प्रकार के लक्षण महसूस नहीं भी हो रहे हैं तब भी स्वास्थ्य की दृष्टि से हर 6 महीने या साल भर में एक बार इसे करवाते रहना चाहिए. इसके लिए किसी प्रकार की तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती है. टेस्ट के लिए टेक्नीशियन घर आकर ब्लड सैंपल ले जाते हैं और एक ही दिन में आपके लिवर की पूरी जानकारी आपके हाथों में होती है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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signs of liver cirrhosis symptoms and treatment after liver function tests LFT liver cirrhosis ke lakshan
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लिवर को अंदर ही अंदर सड़ा देती है ये बीमारी, इन लक्षणों को न करें अनदेखा
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लिवर को अंदर ही अंदर सड़ा देती है ये बीमारी

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लिवर को अंदर ही अंदर सड़ा देती है ये बीमारी, भूलकर भी इन लक्षणों को न करें अनदेखा

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