डीएनए हिंदी: दिल्ली के पश्चिम विहार से आए मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मरीज को देखने वाली डॉक्टर से Zee News ने एक्सक्लुसिव बातचीत की. स्किन रोग विशेषज्ञ (Skin Specialist) डॉक्टर रिचा ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब 31 साल का वो शख्स उनके पास पहुंचा तो उसे पिछले चार दिनों से बुखार था, हाथों पर और Genitals के हिस्सों पर लाल दाने आने लगे थे. व्यक्ति को शक था कि उसे चिकनपॉक्स है लेकिन जब डॉ ने उसे देखा तो कहा कि उसे चिकनपॉक्स नहीं है और 5 दिन की दवा देकर वापस एक बार चेकअप के लिए आने को कहा. 

मरीज को कैसे पहचाना

5 दिन बाद जब मरीज़ लौटा तो डॉ ने देखा दाने और बड़े हो चुके हैं (Big patches) और हथेली-चेहरे पर फैल गए हैं. मरीज ने बताया कि उसने कोई विदेश यात्रा नहीं की है, हालांकि वो कुछ दिन पहले हिमाचल प्रदेश से लौटा था. इस बार डॉ ने तमाम लिटरेचर भी देखा और उन्हें समझ आया कि ये ऐसे दाने हैं जो उन्होंने अपनी 12 साल की प्रैक्टिस में पहले कभी नहीं देखे हैं. ये चिकनपॉक्स या स्म़ॉलपॉक्स नहीं हैं.(Monkeypox symptoms) उन्हें शक हुआ कि ये मंकीपॉक्स लग रहा है.

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डॉक्टर ने खुद को संक्रमण से बचाया (Doctor saved herself from Monkeypox)

अच्छी बात यह रही कि बुखार होते ही मरीज ने कोरोनाकाल (Corona) से सबक लेते हुए खुद को आइसोलेट कर लिया था. इसलिए उसके परिवार में कोई संक्रमित नहीं हुआ लेकिन सरकार की गाइडलाइंस के हिसाब से इसकी पुष्टि करने के लिए टेस्ट केवल सरकारी लैब में ही हो सकता था.

हालांकि डॉ को अब तक यकीन हो चुका था कि यह मंकीपॉक्स ही होगा. उन्होंने मरीज को समझाया कि लोकल सरकारी डॉक्टर को बताना जरूरी है. इसके बाद डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर को सूचना दी गई, उसके बाद मरीज को तुरंत प्रभाव से लोकनायक अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया. मरीज के सैंपल को National Institute of Virology पुणे भेजा गया और मामला कंफर्म हो गया कि उसे मंकीपॉक्स ही है. 

इस बीच डॉ ने खुद को सात दिन के लिए आइसोलेट कर लिया था. इसी दौरान बीमारी के होने या ना होने का पता चल जाता है. वह अपने परिवार और काम से दूर रहीं, मरीज के इलाज के वक्त मास्क,ग्लव्स और पीपीई (PPE) किट पहनी हुई थी. सेनेटाइज़ेशन का ख्याल रखा था लिहाज़ा वो संक्रमण से बची रहीं. डॉ रिचा के मुताबिक मरीज से दूर रहें तो संक्रमण नहीं होगा और पास रहना ही पड़े तो मरीज को मास्क लगाने को कहें क्योंकि उसकी थूक से भी संक्रमण हो सकता है. उसके कपड़ों, बिस्तर,चादर तौलिए, बाथरुम हर चीज अलग ही रखें. 

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मंकीपॉक्स पर WHO की गाइडलाइंस

  • संक्रमित जानवरों से मंकीपॉक्स उनके बॉडी फ्लुइड्स और मांस के संपर्क में आने या खाने पर फैलता है. संक्रमित जानवरों और कच्चे मीट को ना खाएं 
  • इंसान से इंसान में भी मंकीपॉक्स (Monkeypox) फैल रहा है. संक्रमित व्यक्ति की स्किन और सलाइवा जैसे Body Fluids से ये फैल सकता है
  • जिस व्यक्ति को मंकीपॉक्स है उसके बिस्तर, तौलिए और कपड़ों को छूने से भी संक्रमण हो सकता है, 21 दिन तक इन सबसे दूर रहें. 21 दिन बाद सब कपड़ों को डिसइंफेक्ट कर लें या फेंक दें.
  • गर्भवती मां से बच्चे को भी मंकीपॉक्स हो सकता है

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Monkeypox patient doctor in delhi not attacked by virus zee interview
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Monkeypox : मंकीपॉक्स से बचाव संभव, मरीज का इलाज करने वाली डॉक्टर ने बताया कैसे
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Doctor interview of Monkeypox delhi Patient
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Exclusive Interview : मंकीपॉक्स के मरीज का इलाज करने के बाद भी डॉक्टर को नहीं हुई बीमारी, जानिए क्यों