डीएनए हिंदीः प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाली ऐसी सेक्सुअल डिजीज है जो उनके प्राइवेट एरिया में होती है. पुरुषों के अंडकोष में होने वाली ये बीमारी खून में एक खास प्रोटीन के बढ़ने से भी हो जाती है. ये प्रोटीन क्या है और इसके ब्लड में बढ़ने को कैसे पहचाना जा सकता है, चलिए जानें.
एक बात हमेशा ध्यान में रखें प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाली एक गंभीर बीमारी है और जरा सी लापरवाही बेहद दर्दनाक कष्ट केा जन्म दे सकती है. अगर इसलिए एक उम्र के बाद प्रोस्टेट कैंसर के लिए ब्लड टेस्ट करवाते रहना चाहिए.
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किसे है प्रोस्टेट कैंसर का खतरा ज्यादा
प्रोस्टेट कैंसर अमूमन 50 से 65 की उम्र वाले पुरुषों में ज्यादा नजर आता है लेकिन कई बार ये कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है. प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों में फैमली हिस्ट्री के अलावा मोटापा या अंडकोष पर कोई गंभीर चोट या घाव भी हो सकता है.
ब्लड में पीएसए बढ़ने से होता है खतरा
प्रोस्टेट पुरुष प्रजनन प्रणाली का एक हिस्सा है. जिसमें लिंग, प्रोस्टेट, सेमिनल वेसिकल्स और अंडकोष शामिल होते हैं. प्रोस्टेट कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें प्रोस्टेट में कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं. यह कैंसर ब्लड में पीएसए एक तरह का प्रोटीन का लेवल बढ़ने से होता है.
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इस टेस्ट से चलता है प्रोस्टेट कैंसर का पता
CDC के अनुसार प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन (PSA) टेस्ट नाम के ब्लड टेस्ट से इस कैंसर का पता चलता है. यह खून में पीएसए के स्तर को मापता है. स्कोर 10 से ज्यादा होने पर प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.
क्या होता है PSA
PSA प्रोस्टेट ग्रंथि की सामान्य साथ ही घातक कोशिकाओं द्वारा उत्पादित प्रोटीन होता है. खून में इसकी मात्रा बढ़ने से प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है. वैसे तो पीएसए का कोई विशिष्ट सामान्य स्तर नहीं है लेकिन ब्लड में 4.0 एनजी/एमएल और उससे कम स्तर को सामान्य की कैटेगरी में रखा जाता है. हाई पीएसए हमेशा प्रोस्टेट कैंसर से संबंधित नहीं होता है, यह प्रोस्टेट में अन्य गड़बड़ी का भी नतीजा हो सकता है. ब्लड टेस्ट से इस प्रोटीन की मात्रा को पकड़ा जा सकता है.
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प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
- यूरिन पास करने में कठिनाई
- यूरिन की धार कम होना
- यूरिन करते हुए दर्द और जलन महसूस होना
- यूरिन या वीर्य में खून आना
- पीठ, कूल्हों या पेल्विस में दर्द
- पैरो में सूजन
- रात में बार-बार यूरिन का आना
- ब्लैडर यानी मूत्राशय खाली होने में दिक्कत महसूस होना
- इजेकुलेशन के दौरान दर्द होना
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कब कराना चाहिए प्रोस्टेट कैंसर की जांच
50 के बाद से ही प्रोस्टेट कैंसर की जांच शुरू करा देना चाहिए. प्रोस्टेट कैंसर से बचने के लिए विटामिन सी से भरे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, नियमित एक्सरसाइज और स्वस्थ वजन के साथ रेगुलर हेल्थ चेकअप पर ध्यान जरूर देना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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ब्लड में इस प्रोटीन के हाई होने से बढ़ता है पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा, ये लक्षण नजर आते कराएं जांच