डीएनए हिंदीः किडनी (Kidney) हमारे शरीर की गंदगी को छानकर (Kidney Fliter Dirt From Body) शरीर से बाहर करती है लेकिन जब शरीर में गंदगी का स्तर बढ़ता ( Dirt Level Increase in Body) जाता है तो किडनी अपना काम पूरी तरह से नहीं कर पाती. इससे खून में क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ने (Creatinine Levels increase in blood) लगता है और ये संकेत होता है कि किडनी के डैमेज (Kidney Damage Sign) का. बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. हालांकि अब उनकी बेटी बेटी रोहिणी आचार्य ने किडनी डोनेट कर उनको नई जिंदगी दे दी है.
किडनी के हाल का पता ब्लड में क्रिएटिनिन का लेवल के स्तर से पता चल जाता है अगर ये ब्लड में हाई है तो इसका मतलब हैं किडनी में समस्या है. अगर समय रहते इसे सही न किया जाए और खानपान पर काबू न किया जाए तो ये किडनी डैमेज का कारण बनती है. हालांकि ब्लड में क्रिएटिनिन का लेवल के अलावा भी शरीर में कई संकेत मिलते हैं जो बताते हैं कि किडनी खराब हो रही है. तो चलिए इन सकंेतों को जान लें.
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बता दें कि लालू प्रसाद यादव का क्रिएटिनिन लेवल (Creatinine Level) 5.1 हो गया था, जो कि नॉर्मल किडनी के क्रिएटिनिन लेवल से 4 प्वाइंट ज्यादा है.
क्या होता है क्रिएटिनिन
मायो क्लिनिक के अनुसार क्रिएटिनिन मांसपेशियों में ऊर्जा-उत्पादन प्रक्रिया में निकलने वाला एक ऐसी चीज है जो शरीर में वेस्ट बाय-प्रोडक्ट के रूप में होता है. जब किडनी हेल्दी होती है तो ये शरीर से क्रिएटिनिन को फिल्टर कर ब्लड से यूरिन के जरिए बाहर कर देती है लेकिन जब क्रिएटिनिन का लेवल हाई लगातार रहने लगता है तो किडनी पर प्रेशर पड़ने लगता है और तब किडनी खराब होने लगती है यानी वह आसानी से रक्त या यूरिन से क्रिएटिनिन काे शरीर से बाहर नहीं कर पाती और शरीर में टॉक्सिन लेवल हाई हो जाता है.
कितना होना चाहिए क्रिएटिनिन का लेवल
वैसे तो क्रिएटिनिन लेवल आपकी उम्र, जेंडर और बॉडी साइज पर निर्भर करती है. लेकिन क्रिएटिनिन का नॉर्मल लेवल वयस्क महिलाओं के लिए- 0.59 से 1.04 मिलीग्राम/डीएल (52.2 से 91.9 माइक्रोमोल्स/एल) और वयस्क पुरुषों के लिए वयस्क पुरुषों के लिए, 0.74 से 1.35 mg/dL (65.4 से 119.3 माइक्रोमोल्स/एल) तक माना जाता है.
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हाई क्रिएटिनिन लेवल के लक्षण
किडनी की बीमारी साइलेंट किलर की तरह होती है. अगर घर में किडनी की बीमारी की हिस्ट्र रही हो तो ऐसे लोगाें को समय-समय पर ब्लड टेस्ट से क्रिएटिनिन लेवल की जांच कराते रहना चाहिए, ज्यादातर मामलों में इसके शुरुआती स्टेज में गड़बड़ी के कोई लक्षण नहीं दिखाई पड़ते हैं लेकिन कुछ संकेत देखकर भी आप किडनी के डैमेज होने का अंदेशा लग सकता है.
- घुटने से लेकर तलवे तक में सूजन का होना
- बिना काम किए थकान होना और कमजोरी रहना
- बार- बार या बहुत कम मात्रा में यूरिन का होना
- भूख लगना कम होते जाना
- जी मिचलाते रहना
- स्किन का ड्राई या खुजली होना
इन लोगों में होता किडनी डैमेज का रिस्क
किडनी की बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन 40 साल के बाद, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप के मरीज, किडनी डिजीज के फैमिली हिस्ट्री वाले लोगों में इसका खतरा अधिक होता है.
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कैसे करें क्रिएटिनिन को कम
यदि आपका क्रिएटिनिन लेवल जरूरत से ज्यादा है तो आप इसे लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव के साथ कंट्रोल कर सकते हैं. इन बदलावों में प्रोटीन का कम सेवन, खाने में फाइबर की अधिकता, नमक का कम उपयोग, शराब-धूम्रपान से परहेज, ज्यादा पानी पीना आदि शामिल हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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Kidney Damage Sign: किडनी खराब होने पर ब्लड में बढ़ता है क्रिएटिनिन लेवल, ये 6 लक्षण हैं खतरे का सिग्नल