डीएनए हिंदी: How to use Menstrual Cup, Benefits, Important Facts- आजकल मॉर्डन और वर्किंग महिलाएं लड़कियां पैड के बदले मेन्सट्रुअल कप (Menstrual Cup) का इस्तेमाल करती हैं, पीरियड्स (Women Periods) में पैड बदलने की दिक्कत, ओवर फ्लो, इंफेक्शन का खतरा, इन चीजों से परेशान होकर लड़कियां मेंस्ट्रुअल कप यूज करने के बारे में सोचने लगी है, हालांकि अब तक इसका यूज बहुत ही नहीं हो रहा है, कई महिलाओं को इसमें सहूलियत नहीं लगती और इसके फायदे के साथ साथ कुछ नुकसान भी हैं. चलिए जानते हैं ये कैसे इस्तेमाल किया जाता है, यूज करते वक्त किन बातों का ध्यान रखें.
क्या है ये कप (What is Menstrual Cup)
मेंस्ट्रुअल कप एक रबर,सिलिकॉन या लैटेक्स से बना एक छोटा,लचीला फेनल यानि कोन के आकार का कप होता है, जिसे महिलाएं अपने वैजाइना यानि योनि में डालती हैं, इससे पीरियड्स के दौरान जो ब्लड फ्लो होता है वो उसमें ही इकट्ठा हो जाता है, मेंस्ट्रुअल कप में पैड या नैपकीन से ज्यादा ब्लड समाने की जगह होती है, जिससे कई महिलाओं के लिए यह अधिक फायदेमंद है, जिनका ब्लड फ्लो ओवर होता है उनके लिए ये ज्यादा उपयोगी है, उन्हें बार बार पैड नहीं बदलना पड़ता होगा. बाजार में कई तरह के पैड्स मौजूद हैं, कोई महंगा, कोई सस्ता, लेकिन कप के मामले में कोई समझौता नहीं करना चाहिए. इसे हर उम्र की लड़कियां इस्तेमाल कर सकती हैं. 18-40 तक के लिए सबसे बेहतरीन है.
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कैसे करना है इस्तेमाल? How To Use Menstrual Cup in Hindi
मेंस्ट्रुअल कप को पहले C शेप में फोल्ड करें, फिर वैजाइना में इंसर्ट कर लें. इसे लगाते ही ये आपकी वैजाइना की बाहरी लेयर में फिट हो जाता है, जब तक फिट ना हो आप इसे घूमाते रहें. ये वैजाइना को लॉक कर देता है, ताकि ब्लड फ्लो बाहर न आए. इसे लगाने के बाद हाथ से हल्का घुमाकर देखे, अगर अच्छे से फिट हो गया होगा तो आसानी से घूम जाएगा. इसे एक बार लगाने के बाद कैसा भी फ्लो हो 12 घंटे तक इसे बदलने की जरूरत नहीं पड़ती
कुछ बातों का रखें खास ख्याल
मेंस्ट्रुअल कप 6 से 12 घंटे तक ही यूज करना चाहिए.
देर होने पर हैवी फ्लो लीक होने का खतरा बढ़ जाता है
इसे हटाने से पहले भी हाथों को अच्छी तरह से धोएं
पहली उंगुली और अंगूठे की मदद से इसे आराम से निकालें
सील जब उंगुली के प्रेशर से खुल जाएं तब ही इसे निकालें
कप अगर वेजाइना के अंदर फंस जाए, तो उसे जबरदस्ती खींचकर न निकालें
कभी भी कप निकालने के लिए तेज धार वाली या पेंसिल जैसी चीज को इंसर्ट न करें
निकालने के बाद भी खूब अच्छे से हाथ धोएं
कप की बनावट अलग अलग होती है, शरीर की बनावट के हिसाब से कप ले सकते हैं.
पहली बार यूज करते वक्त दिक्कत लग सकती है लेकिन बाद में आदत हो जाती है
इसे लगाने की प्रैक्टिस करनी पड़ती है, ताकि वो अच्छे से सेट हो जाए
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फायदे (Benefits)
इसे यूज करने से इंफेक्शन का खतरा कम होता है,
वैजाइना से बदबू या ब्लड लीक नहीं होता
बार बार पैड बदलने की जरूरत नहीं
खर्चा कम होता है और सेफ भी
काफी हाईजीन होता है
कैसे भी उठें, बैठें या सोएं, कोई दिक्कत नहीं होती,
पीछे मुड़कर दाग देखने की टेंशन नहीं
एक ही मेंस्ट्रुअल कप कई साल चल जाता है
एक मेन्सट्रुअल कप एक बार में 30 एमएल तक की कैपेसिटी रखता है, जबकि औसतन एक महिला को पूरी पीरियड साइकिल में टोटल 30 से 40 एमएल तक का प्रवाह ही आता है
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Menstrual Cup: क्या है पीरियड्स में यूज होने वाले ये कप, क्या हैं फायदे और किन बातों का रखें ख्याल