डीएनए हिंदी: देश में एच3एन2 इंफ्लुएंजा के मामले में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसे अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं तमाम लोग अस्पताल में इसका उपचार करा रहे हैं. केंद्र सरकार भी इसको लेकर स​तर्क हो गई है. आईसीएमआर ने  डेटा साझा करते हुए बताया कि एच3एन2 - इन्फ्लूएंजा वायरस का एक सब टाइप है, जिसका पिछले दो-तीन महीनों से व्यापक प्रकोप है. 

इसी पर अब पद्म श्री डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह बीमारी कोरोना जैसी ही है. इसे बचाव के लिए मास्क से लेकर बार बार हाथ धोना जरूरी है. उन्होंने कहा कि ज्यादा उम्र के लोगों को अलग करें. उन्हें आइसोलेट करने की जरूरत है. इसके साथ ही केंद्र सरकार को इंफ्लूएंजा वैक्सीनेशन कैंपने चलाएं. ऐसा करने पर इस वायरस को रोका जा सकता है. डॉ गुलेरिया ने कहा कि या तो लोग कोविड-उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) का पालन कर सकते हैं और अन्य वायरसों के लिए प्रतिरक्षा में देरी कर सकते हैं, या कमजोर समूहों की रक्षा कर सकते हैं और टीके ले सकते हैं. वह यहां एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (एएमएस) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन से इतर मीडिया से बात कर रहे थे.

मास्क लगाने है जरूरत

यह पूछे जाने पर कि क्या मास्क को फिर से अनिवार्य किया जाना चाहिए, डॉ गुलेरिया ने कहा कि मास्क का इस्तेमाल करने की जरूर है, क्योंकि यह एक छोटी बूंद का संक्रमण है. यह खांसी से फैलता है. कभी भी बच्चे स्कूलों में संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं और इसे उन बुजुर्गों को दे देते हैं जो अधिक गंभीर बीमारी से पीड़ित होते हैं. इसलिए हमें मास्क पहनना चाहिए, नियमित रूप से हाथ धोना चाहिए और सामाजिक दूरी भी बनाए रखनी चाहिए.”

अधिक उम्र और बीमारियों से ग्रस्त लोगों को करें अलग

CAB से इम्युनिटी में और देरी हो रही है, डॉ. गुलेरिया ने कहा, “दूसरा विकल्प उच्च जोखिम वाले अधिक उम्र के लोग या बीमारी से ग्रस्त लोगों अलग रखना है, जैसे कि बुजुर्ग और अन्य बीमार लोगों को अलग-थलग करना और सभी के लिए टीकाकरण पर जोर देना. टीके बीमारी के बिना उसी प्रकार की प्रतिरक्षा प्रदान करेंगे." उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा हर साल एक नए टीके के रूप में आता है और चतुर्भुज टीका इन्फ्लूएंजा ए और बी और उनके उपप्रकार दोनों को कवर करता है.

हर साल से ज्यादा संक्रामक है ये वायरस

डॉ गुलेरिया ने कहा कि मौसम में बदलाव के साथ इन्फ्लुएंजा हर साल आता है. लेकिन इस बार यह बहुत ज्यादा आक्रमित संक्रमण है. एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) 2009 में प्रमुख वायरस था. अब हम एच3एन2 देख रहे हैं. यह इन्फ्लूएंजा ए का एक उपप्रकार. यह पहले भी बताया गया था, लेकिन इस बार इसमें एक अलग जीन है और इसलिए यह ज्यादा संक्रामक है. हम CAB का पालन कर रहे हैं जो सभी सांस की बीमारियों पर लागू होता है, लेकिन लोग अब न तो मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं और न ही हाथों की स्वच्छता बनाए रख रहे हैं. इसी वजह से यह और तेजी से बढ़ रहा है. 

नहीं आएगी कोविड जैसी पहली और दूसरी लहर

उन्होंने बताया कि पिछले दो या तीन सालों में, SarsCov2 प्रमुख वायरस था. हम कोविड संक्रमण अधिक देख रहे थे, लेकिन इन्फ्लुएंजा संक्रमण बहुत कम था. विषाणुओं के प्रति जनसंख्या का जोखिम कम हो गया. डॉ गुलेरिया ने कहा कि बार-बार जोखिम से प्राकृतिक प्रतिरक्षा थोड़ी कम हो गई. साथ ही, वायरस में थोड़ा बदलाव किया है. इन्फ्लुएंजा वायरस समय-समय पर उत्पन्न होता है. इसलिए, हमारे पास हर साल एक नया फ्लू टीका होता है. उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा का जोखिम पीढ़ियों से है, इसलिए कुछ हद तक क्रॉस इम्युनिटी है. "हम इन्फ्लूएंजा के अधिक मामले देख रहे हैं, लेकिन हम कोविड की पहली या दूसरी लहर जैसे गंभीर संक्रमण नहीं देख रहे हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
h3n2 influenza virus spread like covid dr guleria said isolate high risk group and can start vaccination
Short Title
'हाई-रिस्क वालों को आइसोलेट कर दो, इंफ्लूएंजा वैक्सीनेशन कैंपेन चलाओ
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
H3N2 Virus
Date updated
Date published
Home Title

कोरोना जैसी ही है ये बीमारी, जानिए H3N2 Virus पर क्या बोले ये एक्सपर्ट, पढ़ लाजिए काम की बात