डीएनए हिंदीः आज मार्केट मे आई मेकअप (Eye Makeup) के बहुत सारे ब्रांड मौजूद हैं. जिनके बीच फर्क करना मुश्किल है. हर प्रोडक्ट से आंखों को अलग लुक मिलती है. काजल को सिम्पल लुक के लिए लगाया जाता है. वहीं आईलाइनर को किसी स्पेशल लुक के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा आंखों की लुक कैसी होगी यह ड्रेस पर भी निर्भर करता है. आई मेकअप करते समय प्रोडक्ट का ध्यान रखकर आखों को दुगना आकर्षित बनाया जा सकता है.
दिल्ली के लाजपत नगर-4 स्थित शिवालिका गुप्ता आर्टिसटरी (Shivalika Gupta Artistry) की ओनर शिवालिका गुप्ता बताती है, “काजल हर्बल चीजों से भी बनता है जिसका प्रयोग बहुत सालों से किया जा रहा है. वहीं आईलाइनर एक कॉस्मेटिक प्रोडक्ट है”
उन्होंने बताया, “काजल को आंखों के अदंर लगाया जाता है. जबकि आईलाइनर को आंखों के ऊपर लगाया जाता है. आईलाइनर को आंखों के अदंर लगाने से कॉर्निया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं. हम काजल को आईलाइनर की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं पर आईलाइनर को काजल की तरह नहीं.”
कैसे और कब करें इस्तेमालः
आखों को स्वस्थ रखने के लिए काजल लगाना बेस्ट ऑप्शन है. लंबे इवेंट या ऑफिस मे जाते समय आईलाइनर लगाने से बचना चाहिए. जेल आईलाइनर सॉफ्ट और स्मोकी लुक के लिए लगाना चाहिए. वहीं लिक्विड आईलाइनर डार्क ब्लैक आई लुक के लिए इस्तेमाल होता है. ऑईली त्वचा पर जेल आईलाइनर का प्रयोग करना चाहिए. साथ ही लिक्विड आईलाइनर से स्मोकी आई लुक बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से आईलाइनर फैल जाता है.
शिवालिका गुप्ता बताती हैं - “आई प्रोडक्ट खरीदते समय कम से कम केमिकल वाले प्रोडक्ट लेने चाहिए. कोशिश करनी चाहिए कि जो भी प्रोडक्ट हम लें उसमें विटामिन्स और बदाम जरूर हो. प्रोडक्ट खरीदते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हमें प्रोडक्ट कितनी देर तक लगाना है. वाटरप्रूफ प्रोडक्ट को आंखों पर 8-10 घंटे तक लगाने से निशान पड़ जाते है.”
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