डीएनए हिंदी: हाई कोलेस्‍ट्रॉल का सीधा अर्थ है नसों में क्लॉगिंग होना यानी उनमें चिपचिपे मोम (High cholesterol Means Sticky Wax in the Veins) जैसी वसा का स्‍तर बढ़ते जाना. इससे समस्‍या यह होती है कि नसें सख्‍त और खून का प्रवाह प्रभावित होता है. इस समस्‍या से बचने के लिए समय-समय पर ब्‍लड कोलेस्‍ट्रॉल के लेवल की जांच करना बेहद जरूरी है. 

अब सवाल यह है कि कब और किस उम्र से ब्‍लड कोलेस्‍ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए क्‍योंकि रक्त कोलेस्ट्रॉल की निगरानी का एकमात्र तरीका यही है कि नियमित रूप से इसकी जांच कराई जाए. अपने कोलेस्ट्रॉल की स्थिति को जानने से आपको अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखने में मदद मिल सकती है. 

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किस उम्र से करानी चाहिए Cholesterol की Check-up

हर 5 साल में 20 साल की उम्र से कोलेस्‍ट्रॉल की जांच करानी चाहिए क्‍योंकि हार्ट अटैक का खतरा 20 साल की उम्र से बढ़ने लगता है. खासकर उन लोगों के लिए ये जरूरी हैं जिनके घर में हाई कोलेस्‍ट्रॉल की हिस्‍ट्री रही हो या हार्ट अटैक की. अमेरिकन हार्ट एसोशिएशन की रिपोर्ट भी 20 साल की उम्र से ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करने की सलाह देती है. हालांकि, जिन घरों में कम उम्र में अटैक या कोलेस्‍ट्रॉल की हिस्‍ट्री रही हो उनके बच्‍चों को 9 साल की उम्र में सबसे पहले लिपिड लेवल चेक करना चाहिए इसके बाद 17 से 20 साल उम्र के बीच लिपिड लेवल चेक करना चाहिए. 

अमेरिका के सेंटर फॉल डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की 2017 की एक स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक 20 साल की उम्र में कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल अगर हाई है तो आपको इसे नियमित रूप से चेक कराते रहना चाहिए.  अगर नियमित जांच में ये हाई रहे तो इसके बाद टेस्ट की फ्रिक्वेंसी बढ़ाते जांए और डॉक्‍टर से संपर्क करें. 

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उम्र के हिसाब से क्या है आइडियल कोलेस्ट्रॉल लेवल? 
19 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में कोलेस्ट्रॉल लेवल 170 मिलीग्राम/ डेसीलीटर के कम होना चाहिए. एडल्ट्स में बॉडी में टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल 200 mg/dl से कम होना ठीक रहता है. एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dl से कम, एचडीएल यानि गुड कोलेस्ट्रॉल 60 mg/dl से ज्यादा और ट्राइग्लिसराइड 150 mg/dl से कम होना बेहतर है.

क्‍या है हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया

परिवार में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो आपमें भी इस समस्या के चांसेस संभव हैं. इसे पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (familial hypercholesterolemia) के रूप में जाना जाता है, इस स्थिति में आपकी रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल जमने का खतरा काफी ज्यादा होता है. जिसके चलते, व्यक्ति बहुत कम उम्र से ही हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ता है. 

ऐसे समझें ब्लड कोलेस्ट्रॉल की रिपोर्ट 
कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है HDL और LDL. एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. वहीं, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बैड कोलेस्ट्रॉल माना जाता है. इसके अलावा, ट्राइग्लिसराइड्स को काफी खतरनाक माना जाता है, जिसका सीधा संबंध हार्ट डिजीज से होता है. 

कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हो तो न खाएं ये चीजें 
कोलेस्ट्रॉल अगर हाई है तो सैचुरेटेड फैट खाने से बचें. चिप्‍स, रेड मीट, पैक्‍ड फूड, प्रॉसेस्‍ड फूड,  अंडे की जर्दी आदि खाने से दूर रहें. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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Cholesterol Test kis age mein lena shuru karein when to take cholestrol test first time
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किस उम्र से चेक कराना शुरू करें कोलेस्ट्रॉल?
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Cholesterol Risk :  कम उम्र में भी तंग कर सकता है कोलेस्ट्रॉल, इतने साल के होते ही जांच शुरू करवाएं