डीएनए हिंदी: (Cholesterol Level By Age and Gender) कोलेस्ट्राॅल शरीर में साइलेंट तरीके प्रवेश करने वाली बीमारी है. यह बहुत ही नाॅर्मल तरीके से शरीर में घूसकर एक तय मात्रा से बढ़कर खतरनाक स्थिति पैदा कर देती है. हालांकि शरीर में मौजूद कोलेस्ट्राॅल दो तरीके का होता है गुड और बैड. कोलेस्ट्राॅल खराब खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से नसों में मोम जैसा एक पदार्थ भर जाता है. यह नसों में चिपक कर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा पैदा कर देता है. यह स्थिति जानलेवा होती है.
कोलेस्ट्रॉल कितने प्रकार का होता है
कोलेस्ट्राॅल हमारे शरीर में दो तरह का होता है. इनमें से एक लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन एलडीएल है. इसे ही बैड कोलेस्ट्राॅल करते हैं. वहीं दूसरा हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन एचडीएल होता है. इसे गुड कोलेस्ट्राॅल कहते हैं.
शरीर में कितनी मात्रा में होना चाहिए कोलेस्ट्राॅल लेवल
शरीर में कोलेस्ट्राॅल लेवल का पता लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराने पर पता चलता है. उम्र के हिसाब से इसकी शरीर में मात्रा बदल जाती है. बाॅडी में बैड कोलेस्ट्राॅल लेवल 100 कम होना कोई परेशानी की बात नहीं होता, लेकिन दिल के मरीजों में इसका नंबर 100 से उपर जाते ही खतरनाक साबित हो जाता है. हालांकि स्वस्थ लोगों को 100 से 129 के बीच तक कोलेस्ट्राॅल होने पर कोई चिंता की बात नहीं होती. वहीं 130 से 159 कोलेस्ट्राॅल बाॅर्डर लाइन पर माना जाता है. एक स्वस्थ व्यक्ति में कुल कोलेस्ट्राॅल लेवल 200 या 239 के बीच है तो यह काफी खतरनाक संकेत देता है.
उम्र के हिसाब से शरीर में इतना होना चाहिए कोलेस्ट्राॅल
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, पुरुष और महिलाओं में उम्र के हिसाब से कोलेस्ट्राॅल का लेवल बदल जाता है. ऐसे में 19 से कम उम्र के एक सामान्य व्यक्ति के लिए कुल कोलेस्ट्राॅल लेवल 170 से कम होना चाहिए. इनमें एचडीएल 120 कम और एलडीएल 110 से कम और एचडीएल 45 से ज्यादा होना चाहिए. वहीं 20 से ज्यादा वाले लोगों में कुल कोलेस्ट्राॅल 125 से 200 के बीच होना चाहिए. इसे ज्यादा कोलेस्ट्राॅल घातक हो सकता है. महिलाओं की बात करें तो उनमें कोलेस्ट्राॅल की मात्रा पुरुषों के मुकाबले थोड़ी ज्यादा हो सकती है. जन्म के समय लड़कियों को लड़कों की तुलना में बेहतर कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है. एक लड़के को 40 से ज्यादा एचडीएल की जरूरत होती है., जबकि लड़की को 50 से ज्यादा अच्छे कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है.
कोलेस्ट्राॅल की मात्रा सही रखने के लिए किन बातों का रखें ध्यान
कोलेस्ट्राॅल हमारे आलसी पन और खराब खानपान की देन है. इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि वर्कआउट करें. खाने में फाइबर युक्त भोजन शामिल करें इसके साथ ही ओटस, साबुत अनाज, फैटी फिश, सोया बेस्ड फूड और कैनोला आॅयल डाइट में शामिल करें. साब्जियोंमें बैंगन, भिंडी, फलियों का सेवन करें.
इस तरह से घटा सकते हैं कोलेस्ट्राॅल
शरीर में बढ़े कोलेस्ट्राॅल को काफी हद तक बिना दवाई गोली के कंट्रोल किया जा सकता है. इसके लिए हर दिन एक्सरसाइज या कम से कम 6 से 7 किलोमीटर की वाॅक करें. स्मोकिंग और ड्रिंक को इग्नोर करें. वजन को कंट्रोल करने के साथ ही ओवरआॅल फिटनेस का ध्यान रखें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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कोलेस्ट्राॅल की बाॅर्डर लाइन क्राॅस करते ही बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, जानें उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए इसका लेवल