डीएनए हिंदी: यूरिक एसिड (Uric Acid Problem) की समस्या में रोगी को कई तरह की परेशानियां होती हैं. इससे जोड़ों में दर्द, हड्डियों में सूजन, शरीर दर्द और कई अन्य गंभीर समस्याएं हो जाती हैं, जब शरीर में यूरिक एसिड का उत्पादन अधिक होता है तो यह क्रिस्टल के रूप में हड्डियों और खून में जमा होने लगता है. वहीं जब यूरिक एसिड (Uric Acid) बढ़ जाता है तो आपको गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर समस्याएं होने का खतरा होता है. इसकी वजह से आपको किडनी की गंभीर समस्यां भी हो सकती है. हाई यूरिक एसिड को कंट्रोल (Uric Acid Control) करने के लिए लोग तमाम तरह के घरेलू नुस्खे अपनाते हैं, ये बीमारी हमारी ही कुछ छोटी-छोटी गलतियों से पनपती हैं, जिसे हम जाने अनजाने में अनदेखा कर देते है. जी हां आपने बिल्कुल सही पढ़ा. आज हम बात करने जा रहे है कुछ ऐसे फलों की जिसका सेवन हम अपने हेल्दी शरीर के लिए करते है, लेकिन उन्हीं से निकलने वाले प्यूरिक कुछ ही देर में यूरिक एसिड का रूप ले लेता है. आइए जानते हैं क्या होता है यूरिक एसिड
क्या होता है यूरिक एसिड
यूरिक एसिड हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक गंदा पदार्थ है, जिसको हम वेस्ट मटेरियल भी कह सकते हैं. यूरिक एसिड (Uric Acid) तब पाया जाता है. जब प्यूरीन हमारे शरीर में टूटता है. आमतौर पर हमारा शरीर यूरिक एसिड को किडनी की मदद से फिल्टर करता है और यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकाल देता है. अगर खाने में बहुत ज्यादा प्यूरीन का सेवन किया जाता है तो आपका शरीर इस यूरिक एसिड से तेजी से छुटकारा नहीं पा सकता. इसकी मात्रा बढ़ने लगती है फिर खून में यूरिक एसिड बनने लगता है. अगर आप यूरिक एसिड की समस्या से निजात पाना चाहते हैं, या कम करना चाहते है तो इन फलों को गलती से भी अपनी डाइट में शामिल न करें.
इन चीजों के ज्यादा सेवन से बना है यूरिक एसिड
किशमिश
अगर आप गाउट के मरीज है तो यह बहुत जरूरी है कि आप सोच समझ कर किशमिश का सेवन करें. सूखे अंगूर से किशमिश बनाई जाती है और इसमें प्यूरीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. प्यूरिन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी गाउट की समस्या बढ़ सकती है, क्योंकि इससे रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है. इसलिए आयरन का अच्छा स्रोत होने के बावजूद गठिया के रोगियों को किशमिश के सेवन से बचने का सुझाव दिया जाता है. दरअसल इसमें 9.9 ग्राम फ्रुक्टोज भी पाया जाता है जो इन पेशेंट्स के लिए अच्छा नहीं होता है.
सेब
वैसे तो डॉक्टर हर रोज एक सेब खाने की सलाह देते हैं. इसकी वजह सेब में कई तरह के पौष्टिक तत्व मौजूद होना है, लेकिन सेब में 12.5 ग्राम फ्रुक्टोज होता है, इसलिए इसे फ्रुक्टोज का भंडार भी कहा जाता है. सेब का ज्यादा सेवन गठिया के मरीजों की तकलीफ बढ़ा सकता है.
कटहल
गठिया के रोग से पीड़ित रोगियों को कटहल का सेवन कम से कम करना चाहिए. कटहल को फल और सब्जी दोनों के रूप में खाया जाता है. 1 कप कटहल में 15.2 ग्राम फ्रुक्टोज होता है, जो यूरिक एसिड के मरीजों के लिए अच्छा नहीं है.
अंगूर
विटामिन सी और फाइबर यूरिक एसिड के मरीजों के लिए खतरनाक माना जाता है. इसमें भरपूर मात्रा में फ्रुक्टोज पाया जाता है. अंगूर में प्रति कप 12.3 ग्राम फ्रुक्टोज होता है, ऐसे में गाउट से पीड़ित रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए. यह आपकी समस्या को भयंकर रूप से बढ़ा सकता है, जो आगे चल कर नासूर बन सकता है.
केला
केले में पोटैशियम, विटामिन सी और फाइबर अच्छे मात्रा में पाए जाते है, जो हेल्दी बॉडी के लिए बहुत काम के साबित होते है. यहां तक की जिम करने वाले लोगों को रोजाना केला खाने की सलाह भी दी जाती है, लेकिन इसके साथ ही इसमें फ्रुक्टोज की मात्रा काफी अधिक होती है. एक केले में लगभग 5.7 ग्राम फ्रुक्टोज होता है, जो गठिया के रोगियों के लिए हानिकारक होता है.
नाशपाती
अगर आप यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे हैं तो गलती से भी नाशपाती न खाएं. क्योंकि इस टेस्टी फ्रूट में 5 ग्राम यानी 20 प्रतिशत फाइबर पाया जाता है. यह आपको काफी हद तक नुकसान पहुंचा सकता है.
ब्लूबेरी
ब्लूबेरी को फाइबर और विटामिन सी का सबसे बेस्ट सोर्स माना जाता है. इसके साथ ही इसमें फ्रुक्टोज भी भरपूर मात्रा में होता है. एक कप ब्लूबेरी में 7.4 ग्राम फ्रुक्टोज होता है, जो गठिया के मरीजों के लिए काफी खराब है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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