डीएनए हिंदी : बालों का झड़ना आम बात है लेकिन बाल जब असामान्य ढंग से गिरने लगें तो समझिए कि यह कोई सामान्य बात नहीं है. जब गिरते बालों के साथ सिर (स्कैल्प) पर पैच की तरह बनने लगे तो समझ लीजिए कि आप एलोपेसिया यानी गंजेपन के शिकार है.
आजकल के लाइफस्टाइल में कम उम्र में ही बालों के झड़ने की समस्या बहुत से लोगों में देखी गई है. लोग इसके लिए ना जाने क्या-क्या उपाय करते हैं. लेकिन अब अपने बालों को खोने वाले लाखों लोगों के लिए एक नई दवा की बदौलत उम्मीद जगी है .
किस दवाई की हो रही है बात
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने एलोपेसिया एरीटा (Alopecia Areata) के शिकार वयस्क रोगियों के इलाज के लिए Olumiant (baricitinib) oral टेबलेट्स को मंजूरी दे दी है. अभी तक इस दवा का इस्तेमाल आर्थराइटर्स जैसी बीमारी के लिए किया जाता था. अब यह दवा को एलोपेसिया एरीटा यानी गंजेपन की समस्या से जूझने में भी मददगार साबित होगी . अमेरिका के एफडीए के सेंटर फॉर ड्रग इवैल्यूएशन एंड रिसर्च ने पहली बार अधिकारी तौर पर आर्थराइटर्स के लिए इस्तेमाल में लायी जाने वाली दवा को एलोपेसिया एरीटा (Alopecia Areata) के इलाज के लिए मंज़ूरी दी है.
हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक इस दवा के परिणाम काफी कारगर साबित हुए है .वहीं वैज्ञानिकों की मानें तो यह दवा गंजेपन से निपटने के लिए आज तक का सबसे बेहतरीन नुस्खा है. इस दवा की रोजाना दो गोली लेने से एलोपेसिया एरीटा (Alopecia Areata) की समस्या से निपटना आसान हो जाता है . जानकारी के लिए बता दें कि मेडिकल भाषा में बाल झड़ने की समस्या को एलोपेसिया एरीटा (Alopecia Areata) कहा जाता हैं.
क्या है Alopecia Areata
अब तक एलोपेसिया को संक्रामक रोग माना जाता था लेकिन दुनिया भर के के त्वचा एवं बाल रोग विशेषज्ञों का मानना है की एलोपेसिया एक ऑटो- इम्यून बीमारी है.जब किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) हेयर फॉलिकल पर हमला करने लगती है. तो सिर और कई बार शरीर के अन्य हिस्से की त्वचा के बाल बुरी तरह से झड़ने लगते हैं. कभी- कभी तो सारे बाल गिर जाते हैं और दोबारा वापस भी आ जाते हैं. विशेषज्ञों ने इस तरह की बीमारी को एलोपेसिया एरीटा का नाम दिया है .
Alopecia Areata Medication : 706 लोगो पर आज़माया गया यह नुस्खा
स्टडी के दौरान दवा कंपनी (Concert Pharmaceuticals) ने अमेरिका में अलग अलग इलाकों से और अलग अलग वर्ग के 706 लोगों पर ये स्टडी किया. ऐसे लोग जो मध्यम से गंभीर एलोपेसिया एरीटा के शिकार थे. इन्हें तीन अलग-अलग ग्रुप्स में बांटा गया, एक ग्रुप को दिन में दो बार 8 मिलीग्राम की गोली दी गई, दूसरे को 12 मिलीग्राम की दो बार डेली खुराक दी गई और तीसरे को प्लेस्बो (Placebo) पर रखा गया. प्लेस्बो एक ऐसी मेडिकल प्रैक्टिस है, जिसमें दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाता है बल्कि भ्रम पैदा करके या अहसास के आधार पर मरीज का इलाज किया जाता है.
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हालांकि इस बीमारी के बारे में बड़े स्तर पर जागरुकता फैला रहीं समाजसेवी और मॉडल केतकी जानी कहती हैं कि “ये दवाई के बारे में सारी बातें सही है फिर भी हमें इसे अपने आप नहीं लेना चाहिए, हमेशा डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह पर ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए.”
स्टडी के दौरान 80 % तक उग आए नए बाल
स्टडी के दौरान रिसर्चर्स ने पाया कि दवा लेने वाले मरीजों के सिर में डमी दवा लेने वाले मरीजों की तुलना में ज्यादा तेज़ी से बाल उगना शुरू हो गए थे . लगभग 42 % और 30 % रोगियों में देखा गया कि क्रमशः 12 मिलीग्राम और 8 मिलीग्राम की खुराक नियमित तौर पर लेने से लगभग 36 हफ्तों में उनके बाल कम से कम 80 % तक उग आए थे. साइड इफेक्ट की बात करें तो ट्रीटमेंट के दौरान अंतिम चरण में कुछ लोगो ने सिरदर्द और मुंहासे का भी अनुभव किया लेकिन सिम्पटम्स माइल्ड थे.
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एफडीए के सेंटर फॉर ड्रग इवैल्यूएशन एंड रिसर्च में त्वचा विज्ञान और दंत चिकित्सा विभाग के निदेशक केंडल मार्कस की मानें तो , "तेज़ी से बाल गिरने की समस्या से प्रभावित लोगो के लिए ये दवा एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार विकल्पों में से एक है."
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Baldness Medication: अमेरिका ने दी दवाई को मंज़ूरी, क्या अब मिलेगा गंजेपन यानी Alopecia Areata का इलाज?