डीएनए हिंदी: बैड कोलेस्ट्रॉल एक तरह का नसों में जमने वाला फैट यानी वसा है. यह एक मोम की तरह चिपचिपा पदार्थ होता है, जो खून के साथ मिलकर प्रोटीन के साथ ही शरीर की हर नसों तक पहुंचता है. यह सबसे ज्यादा दिल के लिए घातक होता है. यह नसों में जमकर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है. इसके साथ ही नसों के अंदरूनी परतों में जमने लगता है. इसके चलते कभी ब्लॉकेज की स्थिति पैदा हो जाती है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक आ सकता है. यह बेहद जानलेवा स्थिति होती है. कोलेस्ट्रॉल दो तरह के होते हैं. एक बैड कोलेस्ट्रॉल जो शरीर में समस्या पैदा करता है. इसे एलडीएल कहते हैं. वहीं दूसरा गुड कोलेस्ट्रॉल होता है. नसों से लेकर खून के प्रवाह के लिए बेहद होता है. इसे एचडीएल कहा जाता है.
दिल से लेकर नसों को डैमेज करता है हाई कोलेस्ट्रॉल
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बैड कोलेस्ट्रॉल का हाई लेवल नसों में खून के प्रवाह को बंद प्रभावित करने के साथ ही सूखाने लगता है. इसे नसें कमजोर पड़ जाती हैं. इनके फटने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा पोषक तत्वों कमी होने लगती है. शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती. इसकी वजह से हर समय थकान और कमजोरी लगने लगती है. हाई कोलेस्ट्रॉल ब्लड वैसल्स में ही चिपक जाता है. इसके चलते ब्लड वैसल्स और धमनियां कमजोर हो जाती है. इनकी स्थिति ज्यादा खराब होने पर कभी भी हार्ट अटैक और स्ट्रोक आ जाता है. यही वजह है कि कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट बीमारी कहा जाता है. यह जानलेवा साबित होती है.
तेजी से बढ़ रहा खतरा, सावधान रहना है जरूरी
दिनों दिन मॉर्डन होते लाइफस्टाइल और बदलते खानपान के बीच यह बीमारी तेजी से घर कर रही है. हर 5 में से दो लोग कोलेस्ट्रॉल जैसी घातक बीमारी के शिकार हैं. उन्हें इसका पता भी नहीं लगता. वहीं हार्ट अटैक आने या जान चले जाने पर टेस्ट में बैड कोलेस्ट्रॉल का खुलासा होता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है. इसके साथ खानपान में अच्छी चीजें शामिल करें. डाइट पर बहुत ज्यादा ध्यान दें. हर दिन ववर्कआउट और योगासन करें.
ऐसे महसूस करें कोलेस्ट्रॉल का खतरा
हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर वैसे तो शरीर में बमुश्किल ही लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ छोटे मोटी समस्या उत्पन्न होती हैं, जिन्हें भूलकर भी अनदेखा नहीं करना चाहिए. यह हार्ट अटैक से पहले के संकेत और लक्षण हैं, जिन्हें पहचानकर अलर्ट हो जाना चाहिए. ऐसे में कभी भी छाती में दर्द, कमजोरी, हाथ पैरों में अचानक सूजन हाई कोलेस्ट्रॉल लक्षणों में से एक है. ऐसे में इस बीमारी से सावधान होने के लिए ब्लड टेस्ट जरूर करा लें.
नियमित रूप से करते रहें ये काम
-हर छह महीने से लेकर एक साल में कोलेस्ट्रॉल का पता लगाने वाले लिपिड प्रोफाइल टेस्ट जरूर कराएं. खासकर 25 साल के बाद इस टेस्ट का कराना बेहद जरूरी है.
-हाई कोलेस्ट्रॉल से बचने के लिए अपने वजन को कंट्रोल रखें. ज्यादा मोटापा नहीं बढ़ने दें.
-नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. साथ ही खानपान में हेल्दी फूड्स शामिल करें.
-डाइट से अनहेल्दी फूड्स जैसे प्रोसेस्ड फूड, सैचुरेटेड फैट, रेड मीट और अल्कोहल को दूर कर दें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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दिल के लिए घातक होता है बैड कोलेस्ट्रॉल, साइलेंट तरीके से जान ले लेती है यह बीमारी, ऐसे करें बचाव