डीएनए हिंदीः दिवाली के आसपास मौसम और प्रदूषण दोनों सांस, एलर्जी और अस्थमा के रोगियों के लिए खतरनाक होने लगते हैं. छाती में भारीपन, कफ या बलगम का जमना और जुकाम के कारण खांसी जैसी समस्याएं भी तेज हो जाती हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा समस्या लंग्स यानी फेफड़े को झेलनी पड़ती है.
इसलिए अगर आप पहले से लंग्स डिजीज के शिकार हैं तो आपको विशेष सतर्कता बरतनी होगी. यहां कुछ ऐसे आयुर्वेदिक नुस्खे और हर्ब्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपकी जकड़ी हुई छाती को हल्का करने के साथ ही लंग्स में जमी गंदगी और कफ को पूरी तरह से बाहर निकाल देंगे.
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फेफड़ों के खराबी का संकेत
सांस फूलना
बहुत ज्यादा बलगम बनना
छाती में दर्द
सांस लेने में तकलीफ
लगातार खांसी आना
गले से छाती के बीच घड़घड़ाट की आवाज
गले को बार-बार साफ करना
छाती में खांते हुए दर्द का महसूस होना
छाती में भारीपन और जकड़न महसूस होना
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नीलगिरी का तेल
खांसी और बलगम को का वो अचूक इलाज है जो सीधे आपकी छाती पर असर दिखाता है और तुरंत उपाय देता है. नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदें नाक डालने से गले से लेकर छाती तक में चिपकी कफ या बलगम बाहर आ जाएगी. गर्म पानी में तेल मिलाकर स्नान करने और छाती पर मलने से भी आराम मिलता है.
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मुलैठी कफ और खांसी का रामबाण इलाज
मुलैठी की डंठल को कूंच कर गाल में दबा लें और इसका रस चूसते रहें. ये कफ और खांसी का वो उपाय है जो कोई दवा भी नहीं कर सकती. अगर छोटे बच्चों की छाती घड़घड़ती है तो आप मुलेठी से काढ़ा बना कर उसे दो चम्मच हर तीन से चार घंटे पर देते रहें. इससे उनकी छाती में जमा कफ पिघलकर बाहर आएगा और खंासी से भी आराम मिलेगा.
कच्ची हल्दी और अदरक
कच्ची हल्दी और अदरक को घिसकर काढ़ा बना लें. चाहें तो इसके रस को दो बूंद नाक में डाल लें. इससे भी कफ की जकड़ ढीली होती है. आप चाहें तो इस के रस को तेल में पका कर छाती पर मालिश कर सकते हैं. इसके लिए सरसों का तेल प्रयोग करें. इन दोनों के रस को गर्म पानी में मिलकार गरारे करना गले की हर समस्या और खांसी को दूर करने का काम करता है. अदरक में मौजूद जिंजरौल और हल्दी में करक्यूमिन नामक एक सक्रिय यौगिक होता है, जो बलगम को पिघला देता है. इसके एंटी बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण खांसी और सर्दी के इलाज में मदद करते हैं.
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दालचीनी का काढ़ा
फेफड़े साफ करने में दालचीनी का काढ़ा बहुत ही इफेक्टिव होता है. दरअसल इसमें कुछ ऐसे गुण होते हैं जिससे फेफड़ों की गंदगी को साफ करना आसान हो जाता है. एक गिलास पानी में दालचीनी के कुछ टुकड़ों को डालकर उबाल लें और जब ये आधा रह जाए तो चाय की तरह सिप ले कर पीएं. फेफड़ें में चिपका बलगम या कफ बाहर होगा और गले के इंफेक्शन भी ठीक होंगे.
प्राणायाम करें
यदि फेफड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाने हैंए तो रोज प्राणायम करना भी बहुत जरूरी होता है. दरअसलए प्राणायाम से सांस संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं. आयुर्वेद में भी फेफड़ों के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए प्राणायाम को बेहतर बताया गया है. इसके साथ ही आप प्राणायाम करने के बाद तिल के तेल की एक.एक बूंद नाक में डालें. इससे दोगुना फायदा मिलता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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छाती में जकड़ी कफ पिघला कर बाहर कर देंगे ये नुस्खे, लंग्स की खराबी का संकेत पहचान लें