डीएनए हिंदीः आयुर्वेदिक उपचार यानी प्राकृतिक चीजों से बीमारी को ठी करना होता है.आयुर्वेद शरीर के दोष के अनुसार बीमारी का ही नहीं, बीमारी के कारक को खत्म करता है और यूरिक एसिड में इसलिए आयुर्वेदिक दवाएं बेस्ट होती हैं क्योंकि ये बीमारी के कारक को खत्म करती हैं. यूरिक एसिड से लेकर गठिया या किडनी तक की बीमारी को जीवनशैली में बदलाव और डाइट पर कंट्रोल करके ठीक किया जा सकत है.
आयुर्वेदिक में गठिया को वात रक्त कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि गठिया तब होता है जब वात दोष असंतुलित होता है.इसलिए आज आपको कुछ ऐसी औषधियों के बारे में बताएंगे जो यूरिक एसिड के साथ इससे होने वाली बीमारियों को ठीक भी करेंगे और इनके होने की वजह को खत्म कर देंगी.
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हाई यूरिक एसिड यानी हाइपरयुरिसीमिया और इससे गठिया का खतरा बढ़ना. जोड़ों के साथ किडनी के लिए यूरिक एसिड जहर है लेकिन कुछ आयुर्वेदिक जड़ियां इसे जड़ से खत्म कर सकती हैं.
यूरिक एसिड का आयुर्वेदिक इलाज- Ayurvedic treatment of uric acid
1. त्रिफला
त्रिफला यानी बिभीतकी, अमलाकी और हरीतकी का समान मिश्रण. आयुर्वेद में वात-पित्त और कफ तीनों के लिए ये बेस्ट औषधि है. त्रिफला सूजनरोधी है, इसलिए यह गठिया से जुड़ी सूजन को कम करने के साथ ही ये यूरिक एसिड के क्रिस्टल को तोड़ने में भी बेस्ट है
2. गिलोय
गिलोय आयुर्वेद की वो बेस्ट जड़ी-बूटी है जो यूरिक एसिड-गठिया से लेकर हाई कोलेस्ट्रॉल-डायबिटीज और डेंगू जैसी बीमारी का उपचार करती है. गिलोय के तने से निकलने वाला रस गठिया के इलाज के लिए अत्यधिक प्रभावी है क्योंकि यह शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड के स्तर को बेअसर करने में मदद करता है. गिलोय का कृन्तकों पर सूजन-रोधी और दर्द-निवारक प्रभाव होता है.
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3. नीम
नीम आयुर्वेद में सूजन को कम करने और गठिया की जलन को शांत करने के लिए प्रयोग होती है. इसके पेस्ट को गठिया से प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से जोड़ों का दर्द दूर होता है. नीम में सूजन-रोधी गुण होते हैं.
4. करेला
वात रोगों के उपचार के लिए आयुर्वेद में आमतौर पर करेले की सिफारिश की जाती है. करेला यूरिक एसिड के स्तर को कम कर सकता है या गठिया का इलाज कर सकता है.
5. चेरी और जामुन
यूरिक एसिड के स्तर को कम करने के लिए अपने आहार में चेरी और डार्क बेरीज को जरूर शामिल करें. दरअसल, चेरी का रस गठिया रोधी और यूरिक एसिड को कम करने का भी गुण होता है. 2012 के एक पायलट अध्ययन में चेरी जूस से यूरिक एसिड का स्तर कम होता पाया गया था .
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6. हल्दी
हल्दी में सक्रिय तत्व करक्यूमिन होता है और 2016 के एक अध्ययन से पता चलता है कि करक्यूमिन यूरिक एसिड को कम करे गठिया के दर्द को दूर करता है. 2013 के एक अध्ययन में फ्लेक्सोफाइटोल, एक शुद्ध कर्क्यूमिन अर्क में गठिया और यूरिक एसिड के स्तर को कम करते हुए पाया गया था . हल्दी वाला दूध पीना यूरिक एसिड को कम करता है.
7. अदरक
आयुर्वेद में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले पौधों में से एक है अदरक. यह गठिया और यूरिक एसिड की दवा है. 2011 की समीक्षा में कहा गया है कि अदरक गठिया के साथ-साथ कई अन्य सूजन संबंधी स्थितियों के लिए एक प्रभावी उपचार है.
8. आहार परिवर्तन
शराब, चीनी, मांस और समुद्री भोजन को कम करके आप यूरिक एसिड को आसानी से शरीर से कम कर सते है. हाई प्रोटीन वाली चीजें यूरिक एसिड में खाने से बचना चाहिए क्योंकि इनसे शरीर में प्यूरीन लेवल हाई हो जाता है.
9. व्यायाम
व्यायाम आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है. व्यायाम तनाव कम करने का एक सिद्ध तरीका है और तनाव गठिया के हमलों को ही नहीं शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को भी बढ़ाता है. रोज करीब 45 मिनट की कोई भी कार्डियो एक्सरसाइज जरूर करें. 2010 के एक अध्ययन से पता चला है कि व्यायाम के कारण अत्यधिक पसीना आने से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर कम हो जाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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