डीएनए हिंदी: हमारे आसपास बहुत से मेडिसिनल हर्ब्स और प्लांट हैं जिनमें कई बीमारियों को कंट्रोल करने का गुण होता है. शुगर से लेकर डेंगू और यूरिक एसिड से लेकर किडनी तक में कुछ पत्तियों का रस रामबाण दवा की तरह काम करता है.
यहां आपको एक ऐसी छोटी सी हरी पत्ती के बारे में बताएंगे जो आपके शुगर और यूरिक एसिड को कम करने में कमाल का असर दिखाती हैं. ये ऐसा प्लांट है जिसके पत्ते ही नहीं बीज में भी औषधिय गुण होता है और इसे आप अपने गमले तक में आसानी से उगा सकते हैं.
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अजवाइन (Oregano) की पत्ते
अजवानइ को आप खाने में इस्तेमाल जरूर करते होंगे लेकिन इसकी हरी पत्तियों की चटनी खाना शुरू कर दें. इसकी पत्तियों में शुगर और यूरिक एसिड को कम करने की ताकत है. ज्वाइंट पेन, जोड़ों में अकड़न की समस्या हो तो इसका रस भी पी सकते हैं. अवाइन के पत्ते का रस या चटनी कच्चा खाना ज्यादा फायदेमंद होता है.
अजवाइन एक ऐसी हर्ब है जो हमारे भोजन का स्वाद दोगुना कर देती है. पेट में गैस, अपच या ठंड लगने पर भी अजवाइन को खाना लाभकारी होता है.
क्या है Oregano के पत्ते
अजवाइन के हरे पत्ते को ओरेगेनो (Oregano) के नाम से जाना जाता है. ये वही हर्ब है जिसे आप पिज्जा पर भी डालते हैं. अजवाइन के पत्तें विटामिन के, ए और सी से भरपूर होने के साथ ये एंटीऑक्सीडेंट, एंटी कैंसर, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, और एंटीबायोटिक जैसे गुणों से भरे होते हैं. अजवाइन के पत्तों को ऑरगेनो, सेलेरी और इंडियन बोरेज भी कहा जाता है.
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इसके हरे पत्ते ही नहीं बीज भी पाचन और इम्यूनिटी मजबूत करने का काम करते हैं. सूखे अजवाइन का सिर्फ एक चम्मच आपकी दैनिक विटामिन के की लगभग 8% जरूरतों को पूरा कर सकता है. इसके अलावा अजवाइन के पत्ते एंटीऑक्सिडेंट से भरा हुआ है जो कोशिका क्षति को रोकने में मदद करता है, और यह फाइबर, विटामिन के, मैंगनीज, लोहा, विटामिन ई, ट्रिप्टोफैन और कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है.
अजवाइन के पत्तों से मिलने वाले फायदे
एनसीबीआई पर मौजूद साल 2016 की एक रिपोर्ट में अजवाइन के पत्तों में मौजूद योगेश टाइप टू डायबिटीज रोगियों के लिए दवा समान बताई गई है. ओरिगैनम अर्क इंसुलिन प्रतिरोध को सुधार कर वसा और कार्बोहाइड्रेट चयापचय को प्रभावित करने वाले जीन को विनियमित करता है. ये किडनी से लेकर लिवर और फेफड़ा रोग में भी बहुत फायदेमंद होता है.
जोड़ों के दर्द में राहत
आर्थराइटिस यानी यूरिक एसिड के बढ़ने से आपके जोड़ों की दर्द की शिकायत है तो आपको अजवाइन के हरे पत्तों को कच्चा सेवन करना चाहिए. साथ ही इसे तेल में पका कर इसकी मालिश जोड़ों पर करनी चाहिए.
फाइटोथेरेपी रिसर्च में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक अजवाइन का तेल मॉर्फिन दवा जितना ही प्रभावी होता है. यह जोड़ों पर मलने से रिस कर अंदर तक जाता है और जोड़ों के बीच में जमे यूरिक एसडि के क्रस्टिल को बाहर करता है. यह दर्द और सूजन को नेचुरली दूर करने का सबसे बेस्ट तरीका है.
डिप्रेशन में भी मदद
अजवाइन के पत्ते के गुण ही नहीं इसकी स्मेल तक डिप्रेशन से बाहर निकलने में मददगार होते हैं. एनसीबीआई की 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक अजवाइन का हरा पत्ता तनाव और अवसाद जैसी मानसिक स्थिति में सुधार कर सकता है.
यहां भी कारगर है अजवाइन का पत्ता
खांसी, दमा, एलर्जी, ब्रोंकाइटिस, दर्दनाक मासिक धर्म, ऐंठन, रूमेटाइड गठिया, मूत्र पथ के संक्रमण और विकार, सिरदर्द, दांत से खून आना, हाई कोलेस्ट्रॉल और फेफड़ों में जमा बलगम निकालने में भी इसके पत्ते बहुत लाभकारी साबित होते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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