डीएनए हिंदी: शरीर में लिवर वर्कहाउस की तरह काम करता है. खाने में मौजूद वसा और कार्बोहाइड्रेट को पचाने के साथ ही ये एक नेचुरल फिल्टर की तरह काम करता है, जो शरीर की गंदगी को बाहर निकालता है. लिवर से निकलने वाला पित्त पाचन प्रक्रिया को सही रखता है और इसमें परेशानी आने पर ही शरीर का सारा सिस्टम ध्वस्त होने लगता है.
लिवर खराबी के पीछे एक नहीं कई कारण होते हैं. अगर आप अल्कोहलिक हैं तो अकेला यही चीज आपके लिवर को डैमेज करने के लिए काफी है. वहीं अगर आप अल्कोहलिक नहीं तो भी आपकी जीवनशैली, खानपान और एक्सरसाइज न करने की आदत आपको लिवर की बीमारी दे सकती है.
यह भी पढ़े: इस हरे पत्ते में है डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल समेत 6 बीमारियों का इलाज
लिवर से संबंधित समस्याएं
लिवर में 5 तरह की समस्याएं होती हैं. ए, बी, सी, डी और ई. ए और ई को आम भाषा में जॉन्डिस या पीलिया कहा जाता है औश्र ये दूषित जल पीने की वजह से होता है. बी, सी व डी इन्फेक्शन से होने वाली बीमारियां हैं, जिसमें लिवर सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त होता है. यदि लक्षण पहचानने में देर होती है तो लिवर डैमेज का खतरा होता है. ये क्रॉनिक हेपेटाइटिस में आतें हैं. वहीं कई बार लिवर की समस्या ऑटोइम्यून डिसॉर्डर के कारण भी होती है. इसमें शरीर का तंत्रिका-तंत्र ही शरीर की अच्छी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है.
लिवर खराबी के इन संकेतों की न करें अनदेखी
- स्किन, नाखून और आंखों पर पीलापन नजर आना. ये संकेत पित्त की अधिकता पर नजर आता है और यूरिन का रंग भी पीला होने लगता है.
- लिवर में खराबी पर बाइल एंजाइम (पित्त ) का मुंह तक आना. ये कड़वा होता है और कई बार इससे उल्टी भी आती है. अगर ऐसा बार-बार हो तो सतर्क हो जाएं.
- पेट में पित्त या गैस का बने रहता या थोड़ा सा खाते ही पेट भर जाना. ऐसा लगना जैसे गले में खाना अटका हो.
- पेट का असामान्य रूप से फूला रहना और भारीपन महसूस होना.
- हर समय आलस, थकान और नींद आते रहना.
- चीजों को भूलना और नींद का न आना
यह भी पढ़े: खुजली और पेट में सूजन जैसे 4 लक्षण लिवर इंफेक्शन का है संकेत
लिवर के लिए Medical Tests
सीरम बिलीरुबिन टेस्ट - सीरम बिलीरुबिन टेस्ट में ब्लड सैंपल लेकर बिलीरुबिन लेवल चेक किया जाता है. बिलीरुबिन का लेवल अधिक होना लिवर की अनहेल्दी का संकेत है. ये पीलिया होने का संकेत है.
माइटोकॉन्ड्रियल एंटीबॉडी टेस्ट - लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस और ऑटोइम्यून विकारों के बारे में जानने के लिए माइटोकॉन्ड्रियल एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है. अगर आपको त्वचा पर खुजली, पीलापन नजर आए तो इस स्थिति में इस टेस्ट को जरूर करवाना चाहिए.
प्रोथ्रोम्बिन टाइम टेस्ट - रक्त के थक्के बनने में कितना समय लगता ये टेस्ट बताता है. अगर रक्त के थक्के जमने में समय ज्यादा लगता है तो यानी लिवर विटामिन के और जरूरी प्रोटीन को नहीं बना पा रहा है. यह लिवर खराब का संकेत देता है.
सीरम एल्ब्यूमिन टेस्ट -लिवर में प्रोटीन के स्तर जानने के लिए ही सीरम एल्ब्यूमिन टेस्ट करवाया जाता है. रक्त में मौजूद प्रोटीन एल्ब्यूमिन अगर कम हो तो यानी लिवर सही काम नहीं कर रहा.
लैक्टिक डिहाइड्रोजनेज टेस्ट - ये टेस्ट लिवर के ऊत्तकों के डैमेज होने की जानकारी देता है. लैक्टिक डिहाइड्रोजनेज एक प्रकार का प्रोटीन होता है। यह मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया में शामिल होता है. जब लिवर में गड़बड़ी का अहसास होता है, तो डॉक्टर इस टेस्ट को करवाने की सलाह दे सकते हैं.
अल्फा-फेटोप्रोटीन टेस्ट- अल्फा फेटोप्रोटीन एक विशिष्ट रक्त प्रोटीन है जो भ्रूण के टिश्यू और ट्यूमर द्वारा बनाया जाता है. इस टेस्ट को लिवर कैंसर के शुरुआती लक्षण नजर आने पर किया जा सकता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments
Liver Health : लिवर का हाल बता देंगे ये 6 टेस्ट, जैसे ही दिखे ये लक्षण, करवा लें जांच