डीएनए हिंदीः कुछ ऐसे रोग हैं जिनके लक्षण बहुत ही सामान्य दिखाई देते हैं लेकिन ये नसों की वो गंभीर बीमारियां हैं जो किसी का जीवन कभी भी खत्म कर सकती हैं. न्यूरोलॉजिकल रोग दुनिया में सबसे खतरनाक होते हैं, क्योंकि ये रोग छोटी सी समस्या से भी उत्तेजित हो जाते हैं और जानलेवा या किसी शरीर के अंग का काम करना रोक सकते हैं.
इसीलिए कहा जाता है कि अपने शरीर को मंदिर की तरह समझो और उसकी पूजा करो. एक अच्छी जीवनशैली और खान-पान की आदतें आपके शरीर को हेल्दी रखेंगी और आप बीमारियों से न तो परेशान होंगे न ही आपका पैसा व्यर्थ जाएगा. यहां कुछ ऐसे न्योरो रिलेटेड डिजीज के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके लक्षण बहुत ही सामान्य होते लेकिन ये कभी भी आपकी सांसें रोक सकते हैं.
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क्लस्टर सिरदर्द
क्लस्टर सिरदर्द तब होता है जब आपके सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है, खासकर आंखों के आसपास या चेहरे पर. यह सिर के किसी खास कोने में या किसी खास समय पर हो सकता है. व्यायाम, सामने से आंखों पर पड़ने वाली सीधी रोशनी और जीवनशैली से जुड़ी कमियां इस समस्या के पीछे हो सकती हैं. यह वास्तव में धमनियों के फैलाव और सूजन के कारण हो सकता है. नसों से जुड़ी ये बीमारी कभी भी आपकी नसों को सूजाकर या सिकोड़कर खून का दौरा रोक सकती है.
पार्किंसंस रोग
पार्किंसंस रोग सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ी एक मस्तिष्क विकार है और इसकी गड़बड़ी से आपके शरीर की नसों में कंपन और अकड़न होती है. इससे शरीर में संतुलन और समन्वय की कमी हो जाती है. लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे शुरू होते हैं और समय के साथ बिगड़ते जाते हैं. संकेतों में हाथों में कांपना और शरीर की गतिविधियों को धीमा करना शामिल है. जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, लोगों को चलने और बात करने में कठिनाई हो सकती है और कई बार ये नसों में खून का बहाव भी रोक देती हैं.
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मेनिनजाइटिस
मेनिनजाइटिस नसों का एक रोग है जिसमें मेनिन्जेस में सूजन हो जाती है. ये मस्तिष्क के अंदर पाई जाने वाली झिल्लियां हैं जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को घेरे रहती हैं. सूजन आमतौर पर मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास के तरल पदार्थ के संक्रमण के कारण होती है. ये भी नसों को डैमेज कर देती हैं और इंटर्नल ब्लीडिंग शुरू हो जाती है.
मिर्गी
मिर्गी मस्तिष्क से जुड़ी एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति को बार-बार दौरे पड़ सकते हैं. ये कई कारकों के कारण हो सकते हैं जो मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं के बीच सामान्य कनेक्शन को बाधित करते हैं, जिससे दौरे पड़ते हैं. यह तेज बुखार, बीपी की समस्या, शराब या ड्रग्स के कारण या ब्रेन स्ट्रोक के कारण भी हो सकता है.
अल्जाइमर रोग
अल्जाइमर रोग आपके मस्तिष्क की कोशिकाओं में परिवर्तन के कारण हो सकता है. इसमें फाइबर तंत्रिका कोशिकाओं के भीतर उलझ जाता है. इसके अलावा इन बीमारियों का एक कारण एसिटाइलकोलाइन, नॉरपेनेफ्रिन, सेरोटोनिन और सोमैटोस्टैटिन जैसी गतिविधियां प्रभावित होना भी है.
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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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इन 5 नसों की बीमारियों में अचानक से रूक सकती हैं सांसें, इन रोगों के लक्षण पहचान लें