डीएनए हिंदीः कोविड -19 (Covid-19) से बचने के लिए बनी बूस्टर डोज लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस बीच मानव रक्त और सीरम के सैम्पल का उपयोग कर किए गए अध्ययन में बताया गया है कि बूस्टर डोज SARS-CoV-2 वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट से बचने के लिए एंटीबॉडी बनाता है. यह स्टडी अमेरिका में ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा की गई है.
जानिए स्टडी में क्या हुआ खुलासा
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (एनईजेएम) और सेल होस्ट एंड माइक्रोब जर्नल में प्रकाशित अध्ययनों से पता चला है कि बीए 2, ओमिक्रान और डेल्टाक्रॉन को बेअसर करने के लिए एंटीबॉडी जरूरी है जो बूस्टर डोज से मिलती है. शोधकर्ताओं ने कहा कि एमआरएनए टीकों की सिर्फ दो खुराक से उत्पादित एंटीबॉडी बीए.3 को बेअसर करने के लिए काफी हैं. शोधकर्ताआ लियू ने कहा कि "लोग पुनः डेल्टाक्रॉन और बीए.3 के बारे में पूछ रहे हैं और अब हमारे पास एक जवाब है. और यह अच्छी खबर है. उन्होंने आगे कहा एक बूस्टर शॉट बीए.2 और डेल्टाक्रॉन से बचा सकता है.
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बूस्टर डोज लगाने पर मिलती है एंटीबॉडी
एनईजेएम में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने ओहियो स्टेट के वेक्सनर मेडिकल सेंटर में 10 प्रोफेशनल ने सीरम में एंटीबॉडी स्तर का परीक्षण किया है. उन्होंने कहा कि टीके की दो खुराक के बाद एंटीबॉडी का स्तर क्रमशः बीए.3 और डेल्टाक्रॉन के मुकाबले 3.3 गुना और 44.7 गुना कम था जो कि मूल एसएआरएस-सीओवी -2 वायरस को बेअसर कर सकता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि अध्ययन किए गए सभी स्वास्थ्य हेल्थकेयर प्रोफेशनल और संक्रमित रोगियों में जिन लोगों को तीन टीके की खुराक मिली थी उनके पास समग्र रूप से व्यापक और सबसे ज्यादा एंटीबॉडी थी.
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Omicron variants से बचने के लिए जरूरी है बूस्टर डोज! स्टडी में क्या आया सामने?