Javed Akhtar: अपने बयानों से अक्सर चर्चा में रहने वाले जाने-माने गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान और धार्मिक कट्टरता को लेकर तीखी टिप्पणी की है. मुंबई में एक बुक लॉन्च समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर उन्हें नरक और पाकिस्तान के बीच कोई एक चुनना हो, तो वह नरक को चुनना पसंद करेंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें दोनों देशों के चरमपंथी वर्गों से आलोचना झेलनी पड़ती है. एक ओर उन्हें 'काफिर' कहकर नकारा जाता है, वहीं दूसरी ओर उन्हें 'जिहादी' कहकर पाकिस्तान भेजने की बातें होती हैं. अपनी बात रखते हुए उन्होंने लेखनी को अपनी ताकत बताया और शिवसेना के सांसद संजय राउत के साथ अपने अनुभव भी साझा किए.
जावेद अख्तर का कट्टरपंथ पर दो टूक
मुंबई में आयोजित एक पुस्तक विमोचन समारोह में लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने न सिर्फ अपने लेखकीय पक्ष को साझा किया बल्कि मौजूदा सामाजिक और राजनीतिक हालातों पर भी खुलकर बात की. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को लेकर एक बेहद तीखा बयान दिया. अख्तर ने कहा, 'अगर मुझे नरक और पाकिस्तान में से किसी एक को चुनना हो तो मैं नरक जाना पसंद करूंगा.'
'कट्टरता की राजनीति'
जावेद अख्तर ने बताया कि उन्हें दोनों तरफ के चरमपंथियों से निशाना बनाया जाता है. 'एक तरफ से मुझे कहा जाता है कि तुम काफिर हो और नरक में जाओगे, दूसरी तरफ से कहा जाता है कि तुम जिहादी हो और पाकिस्तान चले जाओ. उन्होंने इसे 'कट्टरता की राजनीति' बताया, जिसमें बुद्धिजीवियों को लगातार निशाना बनाया जाता है.
मैं खुली आंखों वाला भक्त हूं, अंधभक्त नहीं
#WATCH | Mumbai: "Many people encourage me and praise me. But it is true that people from both sides abuse me. One side say you are a Kafir and will go to hell. The other side say you are a Jihadi and go to Pakistan. If I have to choose between hell and Pakistan, I would prefer… pic.twitter.com/peRIBwCH5E
— ANI (@ANI) May 17, 2025
इस कार्यक्रम के दौरान जावेद अख्तर ने यह भी बताया कि उन्होंने हाल ही में एक अंग्रेजी लेख लिखा था, जिसे मराठी में अनुवाद कर शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित करवाने के लिए संजय राउत से संपर्क किया. उन्होंने कहा, 'उस लेख को बिना किसी बदलाव के सामना में प्रकाशित किया गया. तब से मैं संजय जी का प्रशंसक बन गया, लेकिन मैं खुली आंखों वाला भक्त हूं, अंधभक्त नहीं. सरकारों की आलोचना करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी नेताओं को जेल भेजना गलत है क्योंकि इससे उन्हें सोचने और रणनीति बनाने का समय मिल जाता है. उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को विपक्ष को बाहर ही व्यस्त रखना चाहिए.
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जावेद अख्तर (Image -ANI)
'नरक बेहतर है पाकिस्तान से...', खुले मंच से जावेद अख्तर का कट्टरपंथ पर दो टूक