डीएनए हिंदी: Amrish Puri Birthday: बॉलीवुड की कई फिल्में आज गुमनामी की चादर ओढ़ लेती अगर उनमें अमरीश पुरी जैसा कलाकार अपने किरदार में न होता. अमरीश पुरी अपने किरदारों के जरिए कई फिल्मों को बॉलीवुड में अमर कर चुके हैं. जब भी इन फिल्मों का जिक्र होता है, अमरीश पुरी की तरफ से निभाए गए किरदार सबसे पहले लोगों के जेहन में आते हैं. 'मिस्टर इंडिया', 'कुर्बानी', 'नसीब', 'हीरो', 'कोयला', 'करण अर्जुन', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' और 'गदर' जैसी फिल्मों में अमरीश पुरी के किरदार और उनके डायलॉग प्रोजेक्शन हमेशा याद किए जाते हैं.
Amrish Puri की यादगार फिल्में
30 साल के अपने करियर में 400 से ज्यादा फिल्में कर चुके अमरीश पुरी का आज 90वां बर्थ एनिवर्सरी हैं, आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर उनके चंद किरदारों पर एक नजर डालते हैं, जिन्हें लोगों ने खूब सराहा.
साल 1987 में शेखर कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म 'मिस्टर इंडिया' में अमरीश पुरी ने 'मोगैम्बो' का किरदार निभाया था. इस फिल्म में उनका मशहूर डायलॉग 'मोगैम्बो खुश हुआ' को तारीफें मिली. अपने वक्त के सबसे धांसू विलेन के तौर पर मशहूर मोगैम्बो के किरदार में अमरीश पुरी को लोगों ने काफी पसंद किया. बहुत कम लोगों को मालूम है कि निर्देशक शेखर कपूर 'मोगैम्बो' के रोल के लिए अमरीश पुरी की जगह अनुपम खेर को कास्ट करना चाहते हैं. मगर जो हुआ वो आज इतिहास है.
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Amrish Puri के दमदार डायलॉग्स
'जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी', अगर आप इस मशहूर डायलॉग से वाकिफ हैं तो आप अमरीश पुरी के मशहूर किरदार 'ठाकुर बलदेव सिंह' उर्फ 'बाबूजी' से भी रू-ब-रू होंगे. फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' में अमरीश पुरी ने एक सख्त दिल पिता का किरदार निभाया था. साल 1995 में रिलीज हुई फिल्म को अब तक की सबसे सफल फिल्मों में से एक माना गया है.
साल 2001 में आई अनिल शर्मा की फिल्म 'गदर - एक प्रेम कथा' में अमरीश पुरी पाकिस्तानी सियासतदान अशरफ अली के किरदार में नजर आए थे. फिल्म में अमरीश पुरी का मशहूर डायलॉग, 'इतने टुकड़े करेंगे की तू पहचाना नहीं जाएगा' को लोगों ने काफी सराहा है.
अपने किरदारों से इतर अमरीश पुरी की फिल्मों के डायलॉग भी लोगों को सिर चढ़ कर बोलते हैं. फिल्म 'विश्वात्मा' का 'अजगर किसे कब और कहां निगल जाता है ये तो मरने वाले को भी पता नही चलता', फिल्म शहंशाह का 'जब भी मैं किसी गोरी हसीना को देखता हूं, मेरे दिल में सैकड़ों काले कुत्ते दौड़ने लगते हैं', 'फूल और कांटें' फिल्म का 'जवानी में अक्सर ब्रेक फ़ेल हो जाया करते हैं', नगीना फिल्म का 'आओ कभी हवेली पर', फिल्म मिस्टर इंडिया का 'मोगैंबो खुश हुआ' उनके चर्चित डायलॉग हैं.
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Ramayan के लिए थे पहली पसंद
अपनी शानदार टाइमिंग और डायलॉग प्रोजेक्शन के लिए मशहूर अमरीश पुरी को 80 के दशक में बनाए गए टीवी सीरियल 'रामायण' में रावण के किरदार के लिए पहली पसंद माना गया था.
ऐसा बताया जाता है कि में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल समेत कई शीर्ष कलाकार चाहते थे कि सीरियल में रावण का किरदार अमरीश पुरी ही निभाएं. मगर ऐसे नहीं हो पाया. रामायण सीरियल में रावण का किरदार अमरीश पुरी के बजाए अरविंद त्रिवेदी को दिया गया.
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Amrish Puri: बॉलीवुड का वो विलेन जो हीरो पर पड़ा था भारी, इन फिल्मों ने बना दिया अमर