डीएनए हिंदी: बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त (Sanjay Dutt) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. कभी हीरो बनकर तो कभी विलेन बनकर उन्होंने अपनी एक्टिंग से लोगों को दीवाना बनाया हुआ है पर उन्होंने अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में कई उतार-चढ़ाव भी देखे हैं. एक्टर की जिंदगी में खराब समय तब आया जब वो जेल (Sanjay Dutt Jail) में रहे. हाल ही में एक पूर्व आईपीएस अधिकारी ने एक्टर के सलाखों के पीछे बिताए समय के बारे में खुलासा किया है.
12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए सीरियल बम धमाके हुए थे. इस धमाके में 257 लोगों की जान गई और 713 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जब इन धमाकों के जांच शुरू हुई तो दाऊद इब्राहिम, उसके भाई अनीस इब्राहिम, टाइगर मेमन और अबू सलेम जैसे सरगनाओं का नाम आया. हालांकि इस जांच में सबसे चौंकाने वाला नाम संजय दत्त का था.
जब संजय दत्त को दोषी ठहराया गया तब पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरान चड्ढा बोरवंकर एडिशनल डायरेक्टर जनरल (जेल) थे. साइरस ब्रोचा के पॉडकास्ट पर अपनी हालिया बातचीत में उन्होंने उन दावों का खंडन किया कि एक्टर को जेल में विशेष लाभ मिला था. उन्होंने ये भी कहा कि जेल में दत्त के साथ अच्छा व्यवहार किया गया था.
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उन्होंने कहा वो सबके साथ अच्छे से रहते थे क्योंकि उसकी पैरोल और फर्लो जेल में उसके व्यवहार पर निर्भर थी. अगर उसने व्यवहार नहीं किया होता, तो हम उसे फर्लो या पैरोल की अनुमति नहीं देते. काम भी करता था, बीड़ी और सिगरेट भी खरीद लेता था. कुल मिलाकर, उसे एहसास हो गया था कि यहां उसका व्यवहार बेहतर है.'
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मीरान चड्ढा बोरवंकर ने अपनी किताब में उस समय के बारे में लिखा है जब दत्त को आर्थर रोड जेल से पुणे की यरवदा जेल में ट्रांसफर किए जाने वाला थे पर वो मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर परेशान थे.
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जेल में Sanjay Dutt की हो गई थी ऐसी हालत, इस शख्स ने किया शॉकिंग खुलासा