डीएनए हिंदी: Kishore Kumar Birthday: एक ऐसा फनकार जिसके हुनर को अपनी जिंदगी में उतारने की लालसा में बॉलीवुड की अगली कई पीढ़ियां खप गईं. लेकिन उस जैसा फनकार नहीं बना और न ही बन पाएगा. किशोर कुमार एक ही थे और एक ही रहेंगे. कहते हीरे की परख जौहरी ही करता है. ठीक वैसे ही किशोर कुमार जैसे नायाब हीरे की परख सचिन देव बर्मन जैसे सुरों के जादूगर ने ही की. राहुल देव बर्मन की तरह एसडी बर्मन के लिए किशोर कुमार दूसरे बेटे की तरह थे.
किशोर कुमार भले ही बॉलीवुड में एक हीरो के तौर पर अपना करियर संवारना चाहते थे, लेकिन दुनिया उन्हें सिंगर के तौर पर ज्यादा याद करती है. आज के ही दिन खंडवा, मध्य प्रदेश में साल 1929 में जन्मे किशोर कुमार ने फिल्म 'शिकारी' से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की.
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किशोर दा पर था केएल सहगल का प्रभाव
साल 1948 में आई फिल्म 'बॉम्बे टॉकीज' में किशोर कुमार ने बतौर प्लेबैक सिंगर गाना गाया था, जिसमें किशोर दा देवानंद की आवाज बने. शुरुआती दौर में किशोर कुमार के ऊपर केएल सहगल की तरह गाने की छाप थी. मगर ये सचिन देव बर्मन ही थे जिन्होंने सिंगर को तराशा और उनके अंदर के किशोर कुमार को दुनिया के सामने आने दिया.
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जब किशोर कुमार की आवाज बने थे मोहम्मद रफी
किशोर कुमार ने बतौर एक्टर अपनी संजीदा एक्टिंग और शानदार कॉमिक टाइमिंग से लोगों का खूब मनोरंजन किया है. फिल्म 'चलती का नाम गाड़ी' और 'पड़ोसन' किशोर दा की कल्ट फिल्मों में से एक है. किशोर कुमार के लिए सिंगर मोहम्मद रफी ने भी अपनी आवाज दी थी. फिल्म 'रागिनी' और 'शरारत' जैसी फिल्मों के लिए मोहम्मद रफी किशोर कुमार की आवाज बन गए थे, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मोहम्मद रफी ने इन फिल्मों में गाने के लिए कोई भी फीस नहीं ली थी.
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इन फिल्मों में किशोर कुमार की आवाज बन गए थे मोहम्मद रफी