डीएनए हिंदी: हिंदी फिल्म इंंडस्ट्री को 'प्यासा', 'मिस्टर एंड मिसेज 55', 'बाजी' और 'साहिब बीबी और गुलाम' जैसी कई शानदार फिल्में देने वाले गुरु दत्त (Guru Dutt) को जीनियस फिल्मेमकर कहा जाता था. कोरियोग्राफी, निर्देशन और अभिनय के क्षेत्र में भी उनकी पकड़ ऐसी थी कि कोई उनके सामने टिक नहीं पाता था. 9 जुलाई 1925 को कर्नाटक में जन्मे गुरु दत्त को 50 और 60 के दशक के तमाम फिल्मकारों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता रहा है. उन्होंने अपनी प्रोफेशनल लाइफ में बहुत कुछ हासिल किया पर मोहब्बत को लेकर वो इतने गमजदा रहे कि एक दिन उन्होंने अपनी जिंदगी को ही खत्म कर लिया. महज 39 साल की उम्र में उन्होंने मौत को गले लगा लिया था. आज हिंदी फिल्म के इतिहास में उनका नाम सुनहरे अक्षरों से लिखा जाता है और आगे भी लिखा जाएगा.
शादी में दरार, आखिरी वक्त में भी साथ नहीं था परिवार
गुरु दत्त की निजी जिंदगी काफी उलझनों से भरी हुई रही. फिल्म 'बाजी' के दौरान गायिका गीता रॉय (Geeta Roy) से उनकी मुलाकात हुई. दोनों का प्यार परवान चढ़ा और 1953 में गुरु दत्त और गीता रॉय की शादी हो गई. दोनों की शादीशुदा जिंदगी अच्छी चल रही थी पर इस दौरान वहीदा रहमान की वजह से दोनों के बीच दरार आनी शुरु हो गई. गुरु दत्त और वहीदा रहमान की नजदीकियों ने उन्हें बीवी बच्चों से दूर कर दिया. गुरु दत्त, गीता को अपने नजदीक ना तो रख पाए और ना ही अपने दिल से निकाल पाए पर गीता ने गुरु दत्त की आखिरी फ़िल्म तक में गाने गाए. गुरु दत्त की आखिरी फिल्म थी कागज के फूल. इस फिल्म से गुरु दत्त ने अपने दिल की बात पर्दे पर बयान की थी.
कई सालों तक पत्नी गीता से अलग रहने के बाद और वहीदा रहमान के भी दूर हो जाने के चलते आखिरकार 10 अक्टूबर 1964 की सुबह वो अपने किराए के अपार्टमेंट में मृत पाए गए. शराब के साथ जरूरत से ज्यादा नींद की गोलियां खा लेने की वजह से उनकी मौत हुई थी.
गुरु दत्त-वहीदा रहमान प्रेम कहानी
फिल्म ‘सीआईडी’ (1956) के लिए एक नए चेहरे की तलाश थी जिसके लिए वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) को चुना गया था. अगले ही साल गुरु दत्त ने फिल्म प्यासा बनाई, जिसमें उन्होंने वहीदा रहमान के साथ लीड रोल किया. इसी दौरान दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगीं. दोनों ने 'चौदहवीं का चांद' और 'साहिब बीबी और गुलाम' जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया. धीरे धीरे उनका प्यार परवान चढ़ गया. हालांकि, ये प्यार कभी मुक्कमल ना हो सका.
गुरु दत्त पहले से ही शादीशुदा थे और वहीदा के चलते उनके और उनकी पत्नी (गीता दत्त) के बीच दूरियां आने लगी थीं. वहीदा को लेकर दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता था. 1957 में गुरुदत्त और गीता की शादीशुदा जिंदगी में दरार आ गई और दोनों अलग रहने लगे. वहीं वहीदा के परिवार वाले भी उनके और गुरुदत्त के एक होने के खिलाफ थे. ऐसे में दोनों कभी एक न हो सके.
ये भी पढ़ें: जब Nargis ने मीना कुमारी को कहा था- मौत मुबारक!
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Guru Dutt इस एक्ट्रेस के प्यार में भूल बैठे थे अपना सब कुछ, आखिरी वक्त में पत्नी ने भी कर लिया था किनारा