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कौन थीं देश की पहली महिला जासूस? नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लिए CID इंस्पेक्टर पति को उतार दिया था मौत के घाट

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Submitted by Jaya.Pandey@dn… on Sun, 05/18/2025 - 12:21

नीरा आर्या एक बहादुर स्वतंत्रता सेनानी थीं और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली आज़ाद हिंद फ़ौज की पहली महिला जासूस थीं. उनमें छोटी उम्र से ही देशभक्ति कूट-कूटकर भरी हुई थी. उनका जीवन साहस, त्याग और संघर्ष से भरा था. आज हम आपको इसी वीरांगना से मिलवाने जा रहे हैं.

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यूपी के बागपत में हुआ था जन्म
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नीरा आर्य का जन्म 5 मार्च 1902 को उत्तर प्रदेश के बागपत में स्थित खेकड़ा नगर में हुआ था. उन्हें सेठ छज्जूमल ने गोद लिया था जो एक अमीर व्यापारी थे. वह चाहते थे कि उनकी बेटी को कोलकाता में अच्छी शिक्षा मिले. छोटी उम्र से ही नीरा के मन में देश के प्रति प्रेम भरा हुआ था और वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में मदद करना चाहती थीं.

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INA की रानी झांसी रेजिमेंट का हिस्सा थीं नीरा
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नीरा आर्य नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज (भारतीय राष्ट्रीय सेना) में शामिल हो गईं. वह बहादुर महिला सेनानियों के समूह रानी झांसी रेजिमेंट का हिस्सा बन गईं. उनकी शादी ब्रिटिश आर्मी ऑफिसर और सीआईडी ​​इंस्पेक्टर श्रीकांत जय रंजन दास से हुई थी. दोनों के विचार बेहद अलग थे. एक ओर जहां नीरा अपने देश से प्यार करती थीं और आजादी के लिए लड़ती थीं, वहीं उनके पति ब्रिटिश शासन का समर्थन करते थे.

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नेताजी को बचाने के लिए पति को उतारा मौत के घाट
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एक दिन जब नीरा नेताजी सुभाष चंद्र बोस से मिलने गईं तो श्रीकांत ने उनका पीछा किया. उन्होंने बोस के ड्राइवर पर गोली चलाने की कोशिश की जिससे नेताजी की जान खतरे में पड़ गई. नेताजी को बचाने के लिए नीरा ने बहुत बड़ा बलिदान दिया और अपने ही पति को मौत के घाट उतार दिया. इस कदम ने भारत के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाया.

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कालापानी की हुई सजा
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इस घटना के बाद अंग्रेजों ने नीरा आर्या को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें अंडमान और निकोबार जेल भेज दिया गया और उनपर तरह-तरह के अत्याचार किया गया. लेकिन नीरा ने भारत के प्रति अपनी वफादारी नहीं छोड़ी और आजादी के वादे के बावजूद नेताजी और दूसरे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में अंग्रेजों को कोई जानकारी नहीं दी. उनके साहस और निष्ठा के कारण नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने उन्हें आज़ाद हिंद फ़ौज की पहली महिला जासूस होने का सम्मान दिया.

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वीरता, बलिदान और देश प्रेम की मिसाल थीं नीरा
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भारत को आज़ादी मिलने के बाद नीरा आर्या ने लोगों से दूर एक शांत जीवन व्यतीत किया. दुख की बात है कि उन्हें अपने काम के लिए ज़्यादा पहचान नहीं मिली. 26 जुलाई 1998 को हैदराबाद के चारमीनार के पास उस्मानिया अस्पताल में उनका निधन हो गया. नीरा आर्य की कहानी वीरता, बलिदान और देश प्रेम की कहानी है. उन्होंने दुनिया को दिखाया कि महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं हैं और जरूरत पड़ने पर अपनी मातृभूमि के लिए कोई भी कीमत चुका सकती हैं.

Short Title
कौन थीं देश की पहली महिला जासूस? नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लिए CID इंस्पेक्टर पत
Section Hindi
एजुकेशन
Authors
जया पाण्डेय
Tags Hindi
education news
First Female Spy of India
Neera Arya
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Who was the India first female spy Neera Arya She killed her CID inspector husband for Netaji Subhash Chandra Bose know her story
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Jaya.Pandey@dnaindia.com
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Jaya.Pandey@dnaindia.com
Published by
Jaya.Pandey@dnaindia.com
Language
Hindi
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नीरा आर्य
Date published
Sun, 05/18/2025 - 12:21
Date updated
Sun, 05/18/2025 - 12:21
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