RIMC Dehradun: यदि आपके सामने कोई देहरादून के सैन्य स्कूल की बात करे तो आप फौरन ही इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) के बारे में सोचने लगेंगे, लेकिन उत्तराखंड में शिवालिक की पहाड़ियों के बीच बसे देहरादून में इसके अलावा भी एक सैन्य स्कूल है. इस सैन्य स्कूल में बच्चे NDA के बाद नहीं बल्कि उससे पहले किसी आम स्कूल की तरह ही पढ़ते हैं, लेकिन यहां पढ़ने वाले बच्चे भारतीय सेना में अफसर बनकर देश का नाम रोशन करते हैं. हम बात कर रहे हैं, उस स्कूल का नाम राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (Rashtriya Indian Military College) है, जिसे RIMC कहकर भी पुकारा जाता है. इस कॉलेज में छोटी क्लास से बच्चे पढ़ने आते हैं और सेना से जुड़े सभी गुण लेकर बाहर निकलते हैं. इस कॉलेज की हैसियत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इसके एल्यूमिनी यानी यहां से पासआउट होने वाले में भारतीय सेना के 5 चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, वायुसेना के 4 चीफ ऑफ एयर स्टाफ, 2 वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, 1 वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ, 6 GOC-in-C और GOC आदि शामिल हैं. चलिए RIMC देहरादून के बारे में आपको सबकुछ बताते हैं.
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RIMC Dehradun: यदि आपके सामने कोई देहरादून के सैन्य स्कूल की बात करे तो आप फौरन ही इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) के बारे में सोचने लगेंगे, लेकिन उत्तराखंड में शिवालिक की पहाड़ियों के बीच बसे देहरादून में इसके अलावा भी एक सैन्य स्कूल है. इस सैन्य स्कूल में बच्चे NDA के बाद नहीं बल्कि उससे पहले किसी आम स्कूल की तरह ही पढ़ते हैं, लेकिन यहां पढ़ने वाले बच्चे भारतीय सेना में अफसर बनकर देश का नाम रोशन करते हैं. हम बात कर रहे हैं, उस स्कूल का नाम राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (Rashtriya Indian Military College) है, जिसे RIMC कहकर भी पुकारा जाता है. इस कॉलेज में छोटी क्लास से बच्चे पढ़ने आते हैं और सेना से जुड़े सभी गुण लेकर बाहर निकलते हैं. इस कॉलेज की हैसियत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इसके एल्यूमिनी यानी यहां से पासआउट होने वाले में भारतीय सेना के 5 चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, वायुसेना के 4 चीफ ऑफ एयर स्टाफ, 2 वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, 1 वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ, 6 GOC-in-C और GOC आदि शामिल हैं. चलिए RIMC देहरादून के बारे में आपको सबकुछ बताते हैं.
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RIMC का एडमिनिस्ट्रेशन आर्मी ट्रेनिंग कमांड (ARTRAC) ही संभालती है. इस इंटर सर्विस कैटेगरी 'ए' इंस्टीट्यूट की स्थापना 13 मार्च, 1922 को ब्रिटिश आर्मी ने प्रिंस ऑफ वेल्स रॉयल इंडियन मिलिट्री कॉलेज के नाम से की थी. इस कॉलेज को नेशनल डिफेंस एकेडमी (National Defence Academy) खडगवासला, ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) चेन्नई और IMA देहरादून के लिए 'नर्सरी ऑफ लीडरशिप' के फीडर इंस्टिट्यूशन के तौर पर भी देखा जाता है यानी यह माना जाता है कि यहां से पासआउट होने वाला कैडेट इन दोनों जगह एंट्री पाकर सेना में अफसर बनने के लिए पूरी तरह तैयार है.
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RIMC में किसी भी आम पब्लिक स्कूल की ही तरह बॉयज और गर्ल्स की 11 से 18 साल तक की उम्र में कक्षा 8 से ग्रेजुएशन की डिग्री तक की पढ़ाई करते हैं, जिससे यहां से पासआउट होने वाले बच्चे देश का हर कॉम्पिटिटव एग्जाम पास करने में सक्षम होते हैं. यहां पढ़ने वाले बच्चे को साथ ही आर्मी जैसी ट्रेनिंग भी दी जाती है.
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RIMC में हर साल लिखित एंट्रेस टेस्ट, फिर इंटरव्यू और उसके बाद मेडिकल टेस्ट के जरिये एडमिशन दिया जाता है. इसके लिए जनवरी में एंट्रेस फॉर्म निकलते हैं, जिन्हें देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित कॉलेज कैंपस से लेकर आवेदन किया जा सकता है. आवेदन करने के इच्छुक कैंडिडेट्स आवेदन फॉर्म आधिकारिक वेबसाइट rimc.gov.in पर ऑनलाइन भी ले सकते हैं या फिर कमांडेंट, राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज, देहरादून के नाम बैंक ड्राफ्ट से भुगतान करके भी आवेदन फॉर्म लिया जा सकता है. आवेदन फॉर्म के अलावा पिछले सालों में आए एंट्रेस टेस्ट के प्रश्न पत्र भी लिए जा सकते हैं.
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किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल में कक्षा-7 में पढ़ रहे या इसे पास कर चुके स्टूडेंट्स ही आवेदन फॉर्म भर सकते हैं.
किसी भी कैंडिडेट की आयु आवेदन वाले साल में 1 जनवरी को 11 से 13 साल के बीच में होनी चाहिए.
इस कॉलेज में एडमिशन के लिए बॉयज और गर्ल्स, दोनों आवेदन कक्षा-8 में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं.
हर साल 250 सीट पर देश के हर राज्य से चुने गए कैंडिडेट्स को एडमिशन दिया जाता है.
एडमिशन पाने वाले बच्चे यहां 138 एकड़ के हरे-भरे कैंपस में रहकर पढ़ाई करते हैं.
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RIMC के एंट्रेंस टेस्ट में अंग्रेजी, गणित व सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे जाते हैं.
400 अंक के प्रश्न पत्र में 125 अंक के अंग्रेजी, 200 अंक के गणित और 75 अंक के प्रश्न सामान्य ज्ञान के होते हैं.
एंट्रेंस टेस्ट में पास होने वाले कैंडिडेट्स को इंटरव्यू राउंड के लिए कॉलेज बुलाया जाता है.
इंटरव्यू राउंड में भी सफल होने वाले कैंडिडेट्स का मेडिकल टेस्ट होता है, जिसमें पास होने पर एडमिशन मिलता है.
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RIMC में पढ़ने का पहले साल का खर्च सामान्य कैटेगरी के लिए 1,48,650 रुपये और SC/ST कैटेगरी के लिए 1,31,850 रुपये है.
इस सालाना खर्च में आरक्षित हो या अनारक्षित कैटेगरी, दोनों से ही पहली 50,000 रुपये की सिक्योरिटी ली जाती है, जो रिफंडेबल है.
ट्यूशन फीस व अन्य खर्चे मिलाकर सामान्य वर्ग के लिए 98,650 रुपये और SC/ST कैटेगरी के लिए 81,850 रुपये की फीस होती है.
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RIMC के एल्यूमिनी में भारतीय सेना और वायु सेना के ही नहीं बल्कि सिविल सेक्टर में भी कई राज्यपाल, राजदूत और निजी कंपनियों के टॉप ऑफिसर शामिल हैं. इनमें कुछ प्रमुख नाम निम्न हैं-
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल केएस थिमैया
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल जीजी बेवूर
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल वीएन शर्मा
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल एस, पदमनाभन
चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी
चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ
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इसे कहते हैं अफसरों का स्कूल, यहीं से सबसे ज्यादा निकले हैं भारतीय सेना के पाकिस
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