IIT रुड़की ने तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय से शैक्षणिक समझौता देशहित में रद्द कर दिया है. JNU और जामिया के बाद यह कदम भारत की सख्त विदेश नीति की दिशा में एक और संकेत है. भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के खिलाफ बोलने वाले देशों को अब भारत की कड़ी प्रतिक्रिया झेलनी पड़ रही है.
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भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के खिलाफ बोलने वाले देशों को अब भारत की कड़ी प्रतिक्रिया झेलनी पड़ रही है. हाल ही में तुर्की ने खुलेआम पाकिस्तान का समर्थन किया, जिससे भारत में उसका विरोध तेज हो गया. तुर्की के पाकिस्तान समर्थक रुख को देखते हुए अब भारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान भी तुर्की से संबंध तोड़ रहे हैं. जेएनयू, और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाद अब देश के अग्रणी तकनीकी संस्थान IIT रुड़की ने भी तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ अपने शैक्षणिक समझौते को रद्द कर दिया है.
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तुर्की के द्वारा लगातार पाकिस्तान का समर्थन किए जाने पर भारत सरकार और आम लोगों में आक्रोश है. तुर्की ने हालिया अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ बयान दिए, जिससे देश के अंदर नाराजगी बढ़ी. ऐसे में अब भारतीय संस्थानों ने तुर्की से दूरी बनाना शुरू कर दिया है.
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उत्तराखंड के रुड़की में स्थित प्रतिष्ठित संस्थान IIT रुड़की ने तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ किया गया MoU औपचारिक रूप से रद्द कर दिया है. यह समझौता शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग, छात्र-शिक्षक आदान-प्रदान जैसे पहलुओं को लेकर था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है.
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IIT रुड़की से पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया जैसे प्रमुख संस्थान भी तुर्की के विश्वविद्यालयों के साथ अपने MoU रद्द कर चुके हैं. इससे यह साफ संदेश गया है कि भारत अब विदेशी नीति में भी सख्त रुख अपनाने को तैयार है.
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इससे पहले, देश की एक प्रमुख यूनिवर्सिटी जामिया मिलिया इस्लामिया ने भी राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए तुर्की के साथ किया गया समझौता रद्द कर दिया था. इसकी सूचना विश्वविद्यालय ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर साझा की थी.