मुंबई यूनिवर्सिटी को उस समय शर्मिंदगी उठानी पड़ी जब कन्वोकेशन के दौरान स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट में गलत तरीके से मुंबई यूनिवर्सिटी लिखा मिला. इसे 2023-24 के ग्रेजुएशन वर्ग के लिए कई संबद्ध कॉलेजों को भेजा गया. वैसे तो मुंबई यूनिवर्सिटी दीक्षांत समारोह के प्रमाणपत्रों पर छात्रों के नाम गलत लिखने के लिए जानी जाती है लेकिन इस बार उसने अपना नाम ही गलत लिख दिया. कई कॉलेजों ने या तो प्रमाणपत्र वापस भेज दिए हैं या फिर वापस करने की प्रक्रिया में हैं.

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7 जनवरी को हुआ था कन्वोकेशन
मुंबई यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह 7 जनवरी को हुआ. 2023-24 सेशन के दौरान 1.64 लाख छात्रों ने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की लेकिन यह अब तक अनिश्चित है कि कितने लोगों को उनकी डिग्री पर यूनिवर्सिटी का गलत नाम लिखा हुआ मिला. यूनिवर्सिटी से संबद्ध एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि मुंबई यूनिवर्सिटी ने अपना नाम गलत लिखा है जो शर्मनाक है. दूसरे ने टिप्पणी की कि लोगो के ऊपर नाम गलत लिखे जाने से सर्टिफिकेट नकली लगते हैं.

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हैदराबाद की कंपनी को सौंपा छपाई का काम
मुंबई विश्वविद्यालय ने दीक्षांत समारोह के प्रमाणपत्रों की छपाई का काम हैदराबाद की एक कंपनी को सौंप दिया है और वह गलतियों को ठीक कर रहा है. एक संबंधित अधिकारी ने कहा कि छपाई से जुड़ी दिक्कतों के कारण कुछ प्रमाणपत्रों में टाइपोग्राफिकल गलतियां थीं लेकिन उन्होंने मात्रा का विवरण नहीं दिया. उन्होंने बताया कि इसे ठीक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स तो यह भरोसा होना चाहिए कि यूनिवर्सिटी बिना किसी एक्स्ट्रा फीस के नए सर्टिफिकेट जारी करेगा. 

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महाराष्ट्र की नेता ने किया ट्वीट
महाराष्ट्र की पूर्व शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने मुंबई यूनिवर्सिटी के गलत वर्तनी वाले लोगो के बारे में ट्वीट किया और काम की गुणवत्ता और देरी के कारण छात्रों को होने वाली परेशानी पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ शर्मिंदगी की बात नहीं है बल्कि अब इन सभी डिग्री प्रमाणपत्रों को फिर से प्रिंट करना होगा जिसका मतलब है कि आगे की योग्यता हासिल करने के इच्छुक छात्रों को कई महीनों की देरी हो सकती है.'

इसके अलावा उन्होंने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल को भी टैग किया ताकि वे इस दुर्घटना की जांच करें और सुनिश्चित करें कि छात्रों को इस महीने (मार्च) के भीतर उनके जरूरी प्रमाण पत्र मिल जाएं. एक्स पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने आगे लिखा, 'मुंबई यूनिवर्सिटी को सभी स्टूडेंट्स से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री @ChDadaPatil जी को यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को फटकार लगानी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि इस महीने के भीतर प्रमाण पत्र फिर से जारी किए जाएं. यूनिवर्सिटी का व्यवहार पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना, गैर-पेशेवर है. जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए.' 

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Mumbai University does not know how to write its own name! Made a big 'mistake' in students' certificates during convocation
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मुंबई यूनिवर्सिटी को अपना ही नाम लिखना नहीं आता! कन्वोकेशन के दौरान स्टूडेंट्स क
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मुंबई यूनिवर्सिटी को अपना ही नाम लिखना नहीं आता! कन्वोकेशन के दौरान स्टूडेंट्स के सर्टिफिकेट में की बड़ी 'मिस्टेक'

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