अगर आप जवाहर नेहरू यूनिवर्सिटी यानी जेएनयू से पीएचडी करने के इच्छुक हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है. दरअसल जेएनयू ने अपने पीएचडी प्रोग्राम के एडमिशन प्रक्रिया में बदलाव किया है. अबसे खुद का एंट्रेस टेस्ट कराने की जगह नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत जेएनयू नेशनल एजिलिबिटी टेस्ट यानी नेट के स्कोर्स के माध्यम से ही स्टूडेंट्स का सिलेक्शन करेगा.
नेट स्कोर के माध्यम से पीएचडी में होगा एडमिशन
जेएनयू ने यह फैसला यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी यूजीसी के द्वारा जारी निर्देश के बाद किया है. इसमें विश्वविद्यालयों को पीएचडी में एडमिशन के लिए नेट स्कोर का इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है. जेएनयू ने शनिवार को इससे जुड़ा एक नोटिस भी जारी किया है. नोटिस के मुताबिक जेएनयू में यह बदलाव इस एकेडमिक सेशन 2024-25 से ही मान्य हो जाएगा.
ये भी पढ़ें- ऑनलाइन कोर्स के चक्कर में न बनें बेवकूफ, UGC ने बताया कैसे पहचानें सही Institutes
जेएनयू की नोटिफिकेशन में क्या है
जेएनयू की नोटिफिकेशन के मुताबिक स्टूडेंट्स से 2 कैटेगरी में पीएचडी प्रोग्राम के लिए एप्लीकेशन मांगा जाएगा. पहली कैटगरी जेआरएफ क्वॉलिफाइड कैटेगरी होगी. दूसरी कैटगरी में 3 पार्ट्स है, पहला पार्ट जेआरएफ क्वॉलिफाइड कैंडिडेट्स का है, दूसरा पार्ट ऐसे कैंडिडेट्स के लिए है जो असिस्टेंट प्रोफेसरशिप के लिए क्वॉलिफाइड हैं लेकिन जेआरएफ क्लियर नहीं कर पाए हैं. तीसरा पार्ट उन कैंडिडेट्स के लिए है जो न तो जेआरएफ हैं और न ही असिस्टेंट प्रोफेसरशिप क्वॉलिफाइड हैं लेकिन नेट के स्कोर के माध्यम से पीएचडी में एडमिशन पाने के योग्य हैं.
अधिक जानकारी के लिए आप जेएनयू का नोटिफिकेशन नीचे पढ़ सकते हैं.
डीएनए हिंदी का मोबाइल एप्लिकेशन Google Play Store से डाउनलोड करें.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
JNU से PhD करना चाहते हैं? अब NET स्कोर से मिलेगा एडमिशन