एक आईएएस अधिकारी के यूपीएससी के अपने सफर को लेकर किया गया पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. लोग उनके पोस्ट में इंग्लिश ग्रामर की गलतियां निकालने लगे. IAS अधिकारी राम प्रकाश ने UPSC परीक्षा में अपनी सफलता के 7 साल पूरा होने में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया लेकिन इंग्लिश ग्रामर की गलतियों ने तुरंत लोगों का ध्यान इस पोस्ट पर खींच लिया. कई लोग उन्हें ट्रोल करने लगे तो कई उनके बचाव में उतर आए.

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IAS राम प्रकाश ने क्या लिखा?

आईएएस राम प्रकाश ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'I made it to IAS at around 8:00 pm on 27th April, 2018. Exactly 7 years back. I didn’t told anyone in my family about the result for an hour at least. That was some feeling.' हिंदी में इसका मतलब था, 'मैंने 27 अप्रैल, 2018 को ठीक सात साल पहले रात करीब 8:00 बजे IAS परीक्षा पास की. मैंने अपने परिवार में किसी को भी कम से कम एक घंटे तक अपने रिजल्ट के बारे में नहीं बताया. यह एक अलग ही एहसास था.' इसपर लोगों ने didn’t told को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसे didn’t tell लिखना सही है. आईएएस ने अपनी गलती मानते हुए कहा, 'हां इसमें मेरी गलती है.' 

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IAS ने मान ली गलती

आईएएस के गलती मानने के बाद भी उनके इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट वायरल हो गया और लोग उसपर तरह-तरह के कमेंट करने लगे. एक यूजर ने कहा- 'मुझे पता है कि अंग्रेजी हमारी प्राथमिक भाषा नहीं है, लेकिन अगर हमारे देश के आईएएस अधिकारियों का स्तर ऐसा है, तो मुझे कोई उम्मीद नहीं है.' इस टिप्पणी के बाद लोगों की कई प्रतिक्रियाएं आईं, जिसमें कुछ लोगों ने अधिकारी का बचाव किया जबकि कुछ ने उनकी अंग्रेजी के इस्तेमाल की आलोचना की. एक यूजर ने प्रकाश का बचाव करते हुए लिखा, 'वह एक आईएएस अधिकारी है, इंग्लिश टीचर नहीं? यहां तक ​​कि हमारे देश के प्रधानमंत्री भी अंग्रेजी में अच्छे नहीं हैं. जिन देशों पर अंग्रेजों ने राज नहीं किया उनके निवासी भी इंग्लिश में अच्छे नहीं है. इस तरह मजाक उड़ाना ठीक नहीं है.'

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IAS राम प्रकाश के बचाव में उतरे कई यूजर

बहस तब और बढ़ गई जब एक और यूजर ने कहा, 'यहां तक ​​कि सिविल सेवा की अवधारणा भी औपनिवेशिक है. वे महिमामंडित प्रोजेक्ट मैनेजर हैं. अब समय आ गया है कि हम इस प्रक्रिया से छुटकारा पाएं.' इस टिप्पणी ने भारत की सिविल सेवाओं के औपनिवेशिक इतिहास की ओर ध्यान खींचा. आलोचकों ने तर्क दिया कि ब्रिटिश-प्रभावित प्रणाली पुरानी हो चुकी है और अब आधुनिक भारत की जरूरतों को पूरा नहीं करती.

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इस घटना ने भारत की शैक्षिक और नौकरशाही प्रणाली में अंग्रेजी की भूमिका पर चर्चा को जन्म दिया. एक और यूजर ने लिखा कि इंग्लिश ग्रामर से अधिक मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि इनकी वाइफ कैसे जीरो मार्क्स से यूपीएससी में चूक गईं. वहीं अधिकारी के बचाव में कुछ लोगों ने कहा कि हमारा ध्यान उनकी योग्यताओं और क्षमताओं पर होना चाहिए न कि मामूली लैंग्वेज की गलती पर.

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IAS officer Ram Prakash made an English grammar mistake on social media, people said- What can we expect if English is at such a level
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IAS अफसर ने सोशल मीडिया पर कर दी इंग्लिश ग्रामर की गलती, लोग बोले- 'अंग्रेजी का
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IAS अफसर ने सोशल मीडिया पर कर दी इंग्लिश ग्रामर की गलती, लोग बोले- 'अंग्रेजी का ऐसा स्तर तो क्या उम्मीद करें'

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