डीएनए हिंदी: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूस और अमेरिका दोनों ही देशों में दो खतरनाक जहाज आसमान में दिखाई दिए. सबसे पहले रूस के मॉस्को के आकाश में पुतिन का DOOMSDAY PLANE उड़ान भरते हुए दिखाई दिया था. 9 मई को VICTORY DAY PARADE में इस प्लेन को शामिल होना है जिसके अभ्यास के तहत इसने उड़ान भरी थी. इसके बाद अमेरिका का DOOMSDAY PLANE कैलिफॉर्निया के आकाश में रिफ्यूलिंग कराते हुए दिखाई दिया. आइए जानते हैं इनकी कुछ खास बातें
परमाणु हमले से सुरक्षा के लिए बने प्लेन
DOOMSDAY का मतलब होता है कयामत का दिन. तो नाम से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं DOOMSDAY PLANE मतलब ऐसा प्लेन जो कयामत के दिन के लिए बनाया गया है. हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर हुए परमाणु हमलों का उदाहरण हमारे सामने है जिससे यह पता चलता है कि परमाणु हमले का अंजाम कयामत से कम नहीं होता. DOOMSDAY PLANE किसी भी प्लेन का आधिकारिक नाम नहीं है. कुछ ऐसे प्लेन हैं जो परमाणु हमले की स्थिति में इस्तेमाल करने के लिए बनाए गए हैं. ऐसे हमलों के समय इन प्लेन में देश के राष्ट्रपति सहित अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी सुरक्षित रहते हुए देश की सेना को कमांड दे सकते हैं. देश का नेतृत्व कर सकते हैं. इस तरह के प्लेन दुनिया में सिर्फ दो ही देशों के पास हैं. एक अमेरिका जिसके DOOMSDAY PLANE का नाम है BOEING E-4B और दूसरा रूस के पास है जिसक नाम ILYUSHIN IL-80 है.
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अमेरिका के प्लेन की खासियत
अमेरिका के 231 फीट लंबे प्लेन को “FLYING PENTAGON” भी कहा जाता है. यह अमेरिका का एडवांस्ड एयरबोर्न कमांड पोस्ट (AACP) है यानि युद्ध की स्थिति में इस प्लेन के जरिए अमेरिका की सेना को हवा में रहते हुए ही कमांड दी जा सकती है. अमेरिकी वायु सेना इसे ऑपरेट करती है. इस एयरक्राफ्ट में तीन डेक होते हैं. मेन डेक में कमांड वर्क एरिया, कॉफ्रेंस रूम, ब्रीफिंग रूम, ऑपरेशन टीम वर्क एरिया, रेस्ट एरिया और कम्यूनिकेशन एरिया होता है. यह प्लेन इतना बड़ा है कि इसमें 112 लोगों के बैठने की जगह है, जिसमें एक ऑपरेशन टीम, क्रू मेंबर्स, सिक्योरिटी और मेंटेनेंस टीम और कम्यूनिकेशन टीम के लोग शामिल हैं. उड़ान के दौरान ही हवा में ही इसको रीफ्यूल किया जा सकता है. जिसकी वजह से यह लगातार लंबे समय तक हवा में रह सकता है. अब तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक यह प्लेन लगातार 35 से ज्यादा घंटों तक उड़ान भरता रहा है. अमेरिका इसे ऑपरेट करने के लिए हर घंटे 1.2 करोड़ रुपये खर्च करता है.
पुतिन का KREMLIN-IN-THE-SKY
रशिया के 200 फीट लंबे DOOMSDAY PLANE को क्रेमिलन-इन-द-स्काई (KREMLIN-IN-THE-SKY) भी कहा जाता है. इस प्लेन को भी उड़ान के दौरान ही री-फ्यूल किया जा सकता है. परमाणु युद्ध होने की सूरत में पुतिन इस प्लेन के जरिए आसानी से हवा में उड़ते-उड़ते ही रूस की सेना (RUSSISAN ARMY) को कमांड दे सकते हैं और देश पर राज कर सकते हैं. कमांड देने में कोई दिक्कत ना हो इसके लिए जरूरी है कि सैटेलाइट कम्यूनिकेशन बना रहे. इस काम के लिए इसके ऊपर एक डोंगी (CANOE) और पीछे की तरफ एक बड़ा एंटीना लगाया गया है. इसकी पूंछ में भी एक LOW FREQUENCY एंटीना लगा है. इसका इस्तेमाल बैलेस्टिक मिसाइल ले जा रही पनडुब्बियों से कम्यूनिकेशन बनाए रखना है. प्लेन के ईंजन में ही दो बड़े इलैक्ट्रिक जनरेटर लगे हैं. जिनसे प्लेन के अंदर मौजूद उपकरणों के एक्सट्रा बिजली का प्रोडक्शन होता है. कॉकपिट के नीचे भी फ्यूल रहता है जो जरूरत पड़ने पर प्लेन के वापस ले जाने के इस्तेमाल किया जा सकता है.
प्लेन के नजदीक हुआ परमाणु धमाका तो आ जाएगी कयामत
ऐसा नहीं है इन प्लेन में बैठे लोग परमाणु हमले से पूरी तरह सुरक्षित होते हैं. इन एयरक्राफ्ट पर परमाणु धमाके के बाद निकलने वाली खतरनाक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स का असर नहीं होता है. परमाणु बम के रेडिएशन से भी ये बचाते हैं. धमाके से पैदा होने वाली जबरदस्त गर्मी का भी अंदर बैठे लोगों और उपकरणों पर कोई असर नहीं होता लेकिन अगर परमाणु धमाका इस प्लेन के नजदीक हुआ तो कयामत के दिन के लिए बनाए गए इस प्लेन की भी कयामत आ जाती है.
रिपोर्ट- पुष्पेंद्र कुमार
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क्या होता है Doomsday Plane, क्यों माना जाता है इतना खतरनाक ?