डीएनए हिंदी: भारत जैसे देश में शिक्षक पूजनीय हैं लेकिन जब आप बच्चों से यह पूछेंगे कि आप किस नौकरी में अपनी सेवाएं देना चाहेंगे तो ज्यादातर बच्चों अपने जवाब में डॉक्टर, इंजीनियर, एक्टर आदि बनना बताएंगे. शिक्षक बनने की चाह बहुत कम बच्चों में होती है. ये अलग बात है कि वे आगे चलकर रोजगार के तौर पर शिक्षक की नौकरी (Teache's Job) कर लें. हालांकि भारत में कई वेतनमान लागू होने के बाद स्थाई तौर नियुक्त किए जाने वाले शिक्षकों की सैलरी में इजाफा होने के बाद इस पेशे के प्रति आकर्षण बढ़ने लगा है. दुनिया में शिक्षकों को अच्छी (Highest Salary in the World) सैलरी देने वाले 10 शीर्ष देशों में भारत नहीं है. विश्व बैंक (World Bank) और लर्निंग पुलिस इंस्टीट्यूट (Learning Police Institute) के आंकड़े ये बताते हैं कि दुनिया में शिक्षकों को काफी कम वेतन दिया जाता है और इसके चलते तमाम देश शिक्षकों की कमी से जूझते हैं.
यहां शिक्षकों को मिलती है सबसे ज्यादा सैलरी
दुनिया में शीर्ष 10 देशों में लक्जमबर्ग, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, नॉर्वे, डेनमार्क संयुक्त राज्य अमेरिका मेक्सिको स्पेन ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड्स हैं. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) की रिपोर्ट के अनुसार, लक्ज़मबर्ग में दुनिया में सबसे अधिक वेतन पाने वाले शिक्षक हैं. वहां शिक्षक को सालाना 58,91,995 रुपये सैलरी मिलती है. वहीं इस मामले में स्विट्जरलैंड दूसरे और जर्मनी तीसरे नंबर पर है. स्विट्जरलैंड में शिक्षकों को सालाना 51,90,214 रुपये मिलती है जबकि जर्मनी में 47,73,219 रुपये मिलती है. नॉर्वे में 35,22,943 रुपये, डेनमार्क में 34,83,544 रुपये, संयुक्त राज्य अमेरिका में 32,43,236 रुपये, मेक्सिको में 31,88,117, स्पेन में 1,18,905 रुपये, ऑस्ट्रेलिया में 30,35,173 रुपये जबकि नीदरलैंड्स में 29,11,238 रुपये सालाना सैलरी मिलती है.
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यहां टीचरों की कम हुई है सैलरी
नेशनल सेंटर फॉर एजुकेशन स्टैटिस्टिक्स से एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि संयुक्त राज्य में कई राज्यों ने 2009-2010 के बाद से टीचर्स के वेतन में औसतन 4.6% कमी दर्ज की है. इसका परिणाम यह हुआ है कि यहां दूसरे देशों के शिक्षकों को आउटसोर्स करना पड़ा है. वहीं इसी कड़ी में कुछ देशों में शिक्षकों के वेतन काफी अच्छे हैं.
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इस देश में होमस्कूलिंग लीगल नहीं
जर्मनी की शिक्षा प्रणाली दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में अलग है. यहां अधिकांश छात्र सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं लेकिन उनकी अधिकांश कक्षाएं जर्मन भाषा में संचालित की जाती हैं. जर्मनी के छात्रों को दुनिया के दूसरे देशों में नौकरी करने या उच्च शिक्षा पाने में समस्याएं आती हैं. जर्मनी और कई यूरोपीय देशों में होमस्कूलिंग की प्रथा अवैध है.
इन बातों को आधार बनाकर दे जाती है सैलरी
नॉर्वे में हाई स्कूल के शिक्षक बहुत अधिक वेतन कमाते हैं और आवास, परिवहन और अन्य लाभों सहित औसत वेतन के साथ दुनिया में चौथे स्थान पर हैं. शिक्षक का वेतन पूरी तरह से अनुभव, कौशल, लिंग या स्थान पर आधारित होता है.
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Happy Teacher's Day: भारत नहीं बल्कि इन देशों में टीचर्स को मिलती है सबसे ज्यादा सैलरी