डीएनए हिंदी : कभी क्रिकेट जगत के बॉलिंग सरताज रहे शेन वार्न(Shane Warne) की 4 मार्च को हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई. थाईलैंड के को समुई में छुट्टियां मना रहे दुनिया के महानतम लेग स्पिनर में एक रहे शेन की मृत्यु की ख़बर सकते में पहुंचाने वाली रही. पिछले दिनों कई प्रसिद्ध लोगों की मृत्यु हार्ट अटैक (Heart Attack) से हुई है. बॉलीवुड और टीवी वर्ल्ड के नामचीन अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला से लेकर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध अभिनेता पुनीत राजकुमार सहित मंदिरा बेदी के पति राज कौशल तक शामिल हैं. इन सबकी उम्र बहुत अधिक नहीं थी.  सिद्धार्थ की उम्र 40 साल थी, पुनीत राजकुमार 46 के थे, राज कौशल 50 और शेन वार्न 52 साल के थे.

शेन वार्न की मौत के बाद कई तरह की बहस भी शुरू हो गई है. कई लोगों ने यह भी दावा किया है कि अंधाधुंध कोविड वैक्सीनेशन की वजह से भी हार्ट अटैक की दरें बढ़ी हैं. कई अन्य इसे जीवनशैली का असर भी बता रहे हैं.  जानते हैं क्या कहना है आंकड़ों, तथ्यों और विशेषज्ञ का...

1990 से 2020 तक दोगुनी हुई हार्ट अटैक से मरने वाले रोगियों की संख्या

1990 से 2020 के तीस सालों में भारत में हृदय रोगियों की संख्या 2. 26 मिलियन से बढ़कर 4.77 मिलियन हो गई है. इस दरमियान गांवों में हार्ट अटैक की वजह से होने  वाली मौतों की संख्या 1.6% से बढ़कर 7.4% हो गई जबकि शहरों में लगभग हर सातवीं या आठवीं मौत की वजह हृदयाघात (हार्ट अटैक) दर्ज की गई है.  प्रतिशत के हिसाब से तीस सालों में यह 1% से बढ़कर 13.2 % पर पहुंच गया है. वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत में 2016 में हृदय से जुड़ी हुई बीमारियों की वजह से 17.9 मिलियन लोगों की मौत हुई थी. यह दुनिया भर में होने वाली हृदय रोग से हुई मृत्यु का एक तिहाई था. रिपोर्ट के अनुसार इन मौतों में 85% मामलों में हार्ट अटैक या स्ट्रोक प्रमुख वजह थे. WHO की यह रपट कहती है कि बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर, ग्लूकोज़, अधिक वजन और मोटापा होना हृदय रोग के ख़तरे को बढ़ाता है.

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कोविड का क्या असर पड़ा है

कई रिपोर्ट और शोध दुनियाभर में हृदयरोग से होने वाली मौतों की वजह लाइफस्टाइल इशू है. 2020 के शुरूआती महीनों में कोविड के बतौर महामारी उभरने के बाद डॉक्टर्स और विशेषज्ञों के अनुसार कोविड ने अन्य बीमारियों से जुड़े हुए ख़तरे को काफ़ी बढ़ा दिया है. अमेरिका की वेटेरन डिपार्टमेंट (यूएस डिपार्टमेंट ऑफ़ वेटरन्स) के द्वारा करवाए गए एक सर्वे के अनुसार कोविड हार्ट अटैक के ख़तरे को 1.7 गुना बढ़ा देता है.

इस मसले पर दिल्ली के पूसा रोड स्थित मैक्स सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के Cardiothoracic and Vascular Surgery डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल डायरेक्टर और चीफ़ डॉक्टर रामजी मेहरोत्रा का कहना है "कोविड शरीर को स्ट्रक्चरल डैमेज पहुंचाता है. यह शरीर को थ्रोम्बोजेनिक स्टेट में ले जाता है. थ्रोम्बोजेनिक स्टेट शरीर की वह अवस्था है जिसमें खून के थक्के (ब्लड क्लॉटिंग) जमने लगते हैं. यह हार्ट अटैक की संभावना को बढ़ाता है."

डॉक्टर मेहरोत्रा कहते हैं कि कोविड से ग्रसित हो चुके लोगों में अन्य बीमारियों के संपर्क में आने का ख़तरा अधिक होता है. साथ ही वे इस बात की ओर ध्यान  भी दिलाते हैं कि कोरोना की वजह से कई रोगियों जिन्हें लगातार मेडिकल केयर की ज़रूरत थी, वह वक़्त पर नहीं मिल सकी. इस वजह से भी हृदय रोग से होनेवाली मौतों की संख्या बढ़ी है. कई लोगों को लंग ट्रांसप्लांट तक करवाना पड़ा है.doctor mehrotra

(डॉक्टर रामजी मेहरोत्रा )

कोविड वैक्सीन का काम कोविड से बचाना है

यह पूछने पर कि क्या कोविड वैक्सीन(Covid Vaccine) की  वजह से भी हार्ट अटैक बढ़ रहे हैं, डॉक्टर मेहरोत्रा बताते हैं कि कोविड वैक्सीन का काम कोविड और उसकी वजह से होने वाले अन्य संभावित ख़तरे से बचाना है. यह ज़रूर है कि किसी भी बीमारी और उसके इलाज के बारे में सब जान लेना मुश्क़िल है पर कोविड वैक्सीन(Covid Vaccine) कोविड के ख़तरे को बहुत हद तक कम करती है. यह हर्ड इम्युनिटी पैदा करती है कि कम से कम लोग कोविड और उससे होने वाले अन्य ख़तरों की वजह से अपनी जान गंवाएं.

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बहुत अधिक वर्क आउट भी है समस्याप्रद

पिछले कुछ समय से प्रसिद्ध लोगों ख़ासतौर पर शो बिज़नेस के लोगों के  लगातार हार्ट अटैक की वजह से गुज़रने के सवाल पर डॉक्टर मेहरोत्रा जवाब देते हैं कि बहुत फिट और एक्टिव रहने वाले लोग भी इन दिनों हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं. एक्सरसाइज अच्छी चीज़ है पर बहुत एक्सरसाइज समस्याप्रद है. अति सर्वत्र वर्जयेत की तर्ज पर न अति एक्सरसाइज अच्छी है, न अति प्रोटीन. यह सब मॉडरेशन में होना चाहिए. कुछ लोग सम्भवतः स्टेरॉयड का भी प्रयोग करते हैं. यह भी बेहद नुक़सानदेह है.

वर्तमान समय में बढ़ते हार्ट अटैक(Heart Attack) के मामलों के बारे में डॉक्टर मेहरोत्रा का भी कहना है कि यह जीवनशैली का दुष्परिणाम है. तली-भुनी चीज़ों, फ़ास्ट फ़ूड, स्ट्रेस लेवल, हाइपर टेन्शन के साथ-साथ दुनियावी मसले की चिंता भी दिल-दिमाग़ पर असर डालती है. डॉक्टर मेहरोत्रा कहते हैं कि बहुत संभव है कि वर्तमान में रूस-यूक्रेन समस्या ने भी लोगों के मन पर असर डाला हो. यह सारी चीज़ें शरीर में नेगेटिव एनर्जी इंफ्लक्स को बढ़ा देती हैं. स्वस्थ रहने के लिए बेहद आवश्यक है कि इन चीज़ों पर लगाम लगाई जाए और स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली अपनाई  जाए. मेडिटेशन भी इसमें मदद कर सकता है.

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A report on whether covid vaccine is causing more heart attack heart attack death
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Heart Attack से कम उम्र में होती मौतें, क्या पोस्ट कोविड है बड़ी वजह
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कोविड के बाद कमजोर हो रहा हमारा दिल? Heart Attack से कम उम्र में हो रही मौतें, डॉक्टर की राय