डीएनए हिंदी: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का गुरुवार को स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया. 96 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. उन्होंने जिंदगी के आखिरी दिन स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में बने उस महल में बिताए, जिससे उन्हें सबसे ज्यादा लगाव था. गर्मियों में वे हमेशा एबर्डीनशायर स्थिति 50,000 एकड़ में फैले इस महल में अपने पति और बच्चों के साथ छुट्टियां बिताने जाती थीं.
बाल्मोरल कैसल में ग्रामीण इलाकों से घिरे इस महल में एलिजाबेथ द्वितीय ने कई खुशगवार छुट्टियां बिताईं. इसमें बचपन में उन्होंने दादा किंग जॉर्ज पंचम और दादी क्वीन मैरी के साथ वक्त गुजारा. इतना ही नहीं एलिजाबेथ द्वितीय ने जिंदगी के आखिरी वक्त भी इसी महल में गुजारे. कोरोना लॉकडाउन के दौरान महारानी अपने पति प्रिंस फिलिप के साथ इसी महल में ठहरी थीं. उन्होंने 2020 में अपने शादी की 73वीं सालगिरह भी यहीं मनाई थीं.
ये भी पढ़ें- 19 सितंबर को होगा महारानी का अंतिम संस्कार, जानें क्या हैं इससे जुड़े शाही नियम और रिवाज
50 हजार एकड़ में फैला है महल
बाल्मोरल 1852 से ब्रिटिश शाही परिवार के कई घरों में से एक रहा है. इसे महारानी विक्टोरिया के पति प्रिंस अल्बर्ट ने फार्कुहार्सन परिवार से खरीदा था. जब ये खरीदा गया तब छोटे से एरिया में बना हुआ था. लेकिन बाद में 1856 में इसे बढ़ाकर 50,000 एकड़ बनाया गया. बालमोरल महल स्कॉटिश औपनिवेशक वास्तुकला का एक नमूना है. इस महल को हिस्टोरिक इनवायरमेंट स्कॉटलैंड (Historic Environment Scotland) की A कैटेगरी में शामिल किया गया है.
ये भी पढ़ें- महारानी के अंतिम दर्शन में मेघन को नो एंट्री !, जानें क्या है किंग चार्ल्स के दूसरे बेटे-बहू का शाही परिवार से विवाद
कासल रानी की निजी संपत्ति
यह कैसल रानी की निजी संपत्ति है. यह क्राउन एस्टेट का हिस्सा नहीं है. यह एस्टेट एक कार्यशील संपत्ति है, जिसमें ग्राउज मूर, फॉरेस्ट्री और खेतों के साथ, हिरण, पहाड़ी मवेशी और टट्टू भी शामिल हैं. आपको बता दें कि वह दुनिया की इकलौती ऐसी महिला थीं, जिन्हें विदेशी दौरे के लिए पासपोर्ट या वीजा की जरूरत नहीं पड़ती थी.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
एलिजाबेथ-II ने इस महल में बिताए जिंदगी के आखिरी दिन, जानिए क्यों था इस घर से गहरा लगाव