डीएनए हिंदी: ट्रेन में सफर करते वक्त या क्रॉसिंग के आसपास से गुजरते समय आपका ध्यान पटरियों के किनारे लगे पीले रंग के एक बोर्ड पर तो जरूर गया होगा. इस बोर्ड पर W/L लिखा होता है. इसे देखकर आपके मन में यह सवाल भी जरूर आया होगा कि आखिर यह बोर्ड क्यों लगाया जाता है और इसका मतलब क्या होता है. ऐसे में आपको बता दें कि बोर्ड पर बना यह साइन लोगों की सुरक्षा से जुड़ा होता है. आइए जानते हैं कैसे-
भारतीय रेलवे की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, यह बोर्ड लोको पायलट को अलर्ट करने का काम करता है. बोर्ड को अनमैन और मैन दोनों तरह की क्रॉसिंग से 600 मीटर पहले लगायाा जाता है. वहीं बात अगर इस पर बने साइन की करें तो यहां W/L का मतलब Whistle / Level Board है. यानी इस बोर्ड से गुजरने पर लोको पायलट को हॉर्न देना अनिवार्य होता है और यह हॉर्न लगातार दिया जाता है.
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बोर्ड को देखने के बाद ड्राइवर हॉर्न बजाकर चेतावनी देता है ताकि क्रॉसिंग गेट के पास खड़े लोग अलर्ट हो जाएं. आसान भाषा में कहें तो लोगों को अलर्ट करने के लिए बोर्ड का इस्तेमाल किया जाता है.
बता दें कि रेलवे के मैन्युअल में इसे लगाने का भी अपना नियम है जिसके मुताबिक, बोर्ड को जमीन से करीब 2100 एमएम की ऊंचाई पर लगाया जाता है. यहां इसके दो बोर्ड लगाए जाते हैं. इनमें से एक अंग्रेजी भाषा में होता है तो दूसरा हिंदी में. दोनों तरह के बोर्ड का क्षेत्रफल 600 वर्ग मिलीमीटर होता है और ये एक के ऊपर एक लगे होते हैं.
हिन्दी भाषा वाले बोर्ड पर W/L की जगह सी/फ लिखा होता है. इसमें सी का मतलब सीटी बजाने से जबकि फ का मतलब फाटक होता है.
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Knowledge News: रेल की पटरियों के किनारे लगे बोर्ड पर क्यों लिखा होता है W/L, क्या है इसका मतलब?