डीएनए हिंदी : 2020 में भारत में लगभग 5 बिलियन शराब पी गई. पब्लिक हेल्थ कंपनी frontiersin.org के आंकड़ों के अनुसार देश के पुरुषों में लगभग 30% शराब पीते हैं वहीं केवल 1.2% महिलाएं ही इसका सेवन करती हैं. अगर आप इन महिलाओं या पुरुषों में शामिल हैं और शराब के सेवन का आनंद लेते हैं तो इन कुछ राज्यों की ओर रुख न करें. यहां शराब पीना आपको जेल की हवा भी खिलवा सकता है. जानिए कौन से हैं वे राज्य?
मिज़ोरम : 2019 में मिज़ोरम में लिकर प्रोहिबिशन बिल(Liquor Prohibition Bill) पास किया गया जिसके अनुसार राज्य में शराब की बिक्री को ग़ैरकानूनी क़रार दिया गया है. मिज़ोरम इससे पहले कई सालों तक ड्राई स्टेट रहा था. 2015 में कांग्रेस सरकार ने यह बैन हटा लिया था पर इसे वापस 2019 में लगा दिया गया.
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गुजरात : गुजरात(Gujarat) देश का इकलौता राज्य है जहां देशी शराब के उत्पादन और बिक्री पर मौत की सज़ा का प्रावधान है. 2009 में लाए गए बॉम्बे प्रोहिबिशन एक्ट के अनुसार ऐसी शराब के पीने से अगर किसी की मौत हुई तो विक्रेता और उत्पादक दोनों के लिए मौत की सज़ा मुक़र्रर होगी. राज्य में शराब का सेवन करते हुए अथवा अल्कोहल के नशे की हालत में पकड़े जाने पर छः महीने की सज़ा या 1000 रूपये ज़ुर्माना का प्रावधान है. अपराध दुहराने पर सज़ा बढ़ सकती है.
बिहार : 1 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी(Liquor ban in Bihar) लागू है. यहां शराब बेचना, पीना अथवा उत्पादित करना अपराध है. शराब के सेवन पर राज्य में कड़ी सज़ा का प्रावधान है.
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नागालैंड : नागालैंड राज्य में 1989 से ही शराबबंदी लागू है. यहां नागालैंड टोटल लिकर प्रोहिबिशन एक्ट (NLTP) लगा हुआ है जो राज्य में शराब की बिक्री और सेवन दोनों को प्रतिबंधित करता है.
लक्षद्वीप - द्वीपीय समूह लक्षद्वीप देश का इकलौता केंद्रशासित प्रदेश है जहां शराब पीना अपराध है. यहां केवल बंगारम आईलैंड पर शराब पी जा सकती है. सुदूर बसे इस द्वीप पर जन-आबादी तो नहीं है पर बार ज़रूर है.
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