डीएनए हिंदी: म्यूचुअल फंड (Mutual fund) के निवेशकों की हितों की रक्षा के लिए मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने एक बड़ा कदम उठाया है. अब म्यूचुअल फंड्स के लिए किसी भी स्कीम को बंद करने से पहले यूनिट होल्डर्स की सहमती लेनी जरुरी है. मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने कहा है कि म्यूचुअल फंड (Mutual fund) के ट्रस्टी जब भी किसी स्कीम को बंद करने या क्लोज इंडेड स्कीम की यूनिट से समय से पहले फायदा उठाने की यानी की बंद करने का फैसला करने के लिए यूनिट होल्डर्स से सहमती लेना जरुरी होगा.

SEBI का बयान

बयान के हिसाब से , "ट्रस्टीज को साधारण बहुमत के आधार पर मौजूदा यूनिटधारकों की सहमति लेनी होगी. इसके लिए प्रति यूनिट एक वोट के आधार पर मतदान होगा. मतदान का रिजल्ट स्कीम समाप्त खत्म करने की सूचना जारी होने के 45 दिन के भीतर प्रकाशित करने की जरूरत होगी।" वहीं इस पर मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने कहा कि अगर ट्रस्टी ऐसा करने में नाकाम होते हैं तो ऐसी स्थिति में वोटिंग रिजल्ट जारी होने के दूसरे दिन से स्कीम कमर्शियल एक्टिविटीज के लिए खुली होनी चाहिए. 

 म्यूचुअल फंड रेगुलेशन के अकाउंटिंग स्टैंडर्ड में बदलाव 

मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने म्यूचुअल फंड रेगुलेशन के अकाउंटिंग स्टैंडर्ड में भी बदलाव किया है. SEBI ने बताया कि फाइनेंसियल वर्ष 2023-24 से म्यूचुअल फंडों के लिए अब इंडियन अकाउंटिंग स्टैंडर्ड (IND AS) को अपनाना  अनिवार्य हो जाएगा.

रजिस्ट्रेशन एजेंसियों की भूमिका बढ़ेगी 

मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने KYC (know your customer) रजिस्ट्रेशन एजेंसियों की भूमिका बढ़ाने के लिए 'सिस्टम' पर अपलोड किये गए केवाईसी के रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज के सेल्फ वेरिफिकेशन को लेकर उनकी जिम्मेदारी तय करने का फैसला किया है.

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Before closing the mutual fund scheme, the consent of the unit holders will be necessary, SEBI ordered
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म्यूचुअल फंड स्कीम बंद करने से पहले यूनिट होल्डर्स की हामी होगी जरुरी
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