डीएनए हिंदी: पुराने समय में कबूतर ही डाकिया हुआ करते थे. यानी उस समय कबूतर ही किसी के पत्र या संदेश को एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाते थे. हिंदी फिल्मों में भी आपने कई ऐसे दृश्य देखे होंगे जिनमें कबूतर चिट्ठी को अपनी चोंच में दबाकर दूर आसमान में उठ जाया करते हैं लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ये काम कबूतर ही क्यों करते थे, कोई और पक्षी क्यों नहीं? बता दें कि ऐसा यूं ही नहीं होता था, बल्कि इसके पीछे भी एक वैज्ञानिक कारण है. आइए जानते हैं क्या-

दरअसल, कबूतरों में रास्तों को पहचानने और उन्हें याद रखने की खास खूबी होती है. माना जाता है कि कबूतरों के शरीर में एक खास तरह का 'जीपीएस सिस्टम' होता है जिसके चलते वे चाहे कहीं भी चले जाएं लेकिन अपना रास्ता तलाश कर ही लेते हैं. 

ये भी पढ़ें- Fact Check: क्या वाकई बीन की धुन पर नाचते हैं सांप?

होमिंग पिजन या रॉक पिजन में रास्तों को समझने के लिए खास मैग्नेटोरिसेप्शन स्किल पाई जाती है. मैग्नेटोरिसेप्शन स्किल, पक्षियों में पाया जाना वाला ऐसा विशेष गुण है जिसके कारण उन्हें इस बात का अंदाजा लग जाता है कि वे (पृथ्वी के) किस मैग्नेटिक फील्ड में हैं. 

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, कई रिसचर्स ने कबूतर के दिमाग में पाए जाने वाली 53 कोशिकाओं के एक समूह की पहचान की है जिनकी मदद से वे दिशा की पहचान और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का निर्धारण करते हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि कबूतर की कोशिकाएं ठीक वैसे ही काम करती हैं जैसे कोई दिशा सूचक दिशाओं की जानकारी देता है. 

यह भी पढ़ें:  दुनिया में सबसे पहले द्रौपदी ने बनाए थे गोल गप्पे, पांडवों का जीता था दिल

इसके अलावा प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (Proceedings of the National Academy of Sciences) में प्रकाशित शोध के अनुसार, घर में रहने वाले कबूतरों और अन्य प्रवासी पक्षियों की आंखों के रेटिना में क्रिप्टोक्रोम नाम का एक खास प्रोटीन पाया जाता है. इसी की मदद से वे रास्तों को जल्दी ढूंढ पाते हैं. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
In ancient times why were pigeons used for sending messages
Short Title
पुराने समय में कबूतर ही क्यों ले जाते थे चिट्ठी, कोई दूसरा पक्षी क्यों नहीं?
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
कबूतर ही क्यों ले जाते थे चिट्ठी?
Date updated
Date published
Home Title

पुराने समय में कबूतर ही क्यों ले जाते थे चिट्ठी, कोई दूसरा पक्षी क्यों नहीं?