डीएनए हिंदी: भारत सरकार (Indian Government) द्वारा वायुसेना की ताकत को मजबूत करने के लिए फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) कंपनी से 36 राफेल (Rafale) लड़ाकू विमान खरीदे गए थे जिनमें से 32 प्लेन भारत आ चुके हैं. वहीं अब तीन और राफेल विमान 1-2 फरवरी के बीच भारत आ जाएंगे. जानकारी के मुताबिक राफेल डील के आखिरी विमान की डिलीवरी इस साल अप्रैल के अंत तक हो जाएगी.
गणतंत्र दिवस सुनी राफेल की गर्जना
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस Republic Day के मौके पर हुई परेड के दौरान 75 लड़ाकू विमानों का फ्लाईपास्ट अनोखा था और इसमें खास बात यह थी कि इस फ्लाईपास्ट में अत्याधुनिक तकनीक से लैस राफेल लड़ाकू विमान भी थे. पहली बार भारतीय महिला पायलट शिवांगी सिंह ने इसे उड़ाया और इसकी गर्जना देश-विदेश तक गई जिससे दुनिया ने भारत की वायुसेना क ताकत का लोहा माना.
जल्द आएंगे तीन और विमान
बचे हुए 4 में से 3 राफेल 1 से 2 फरवरी के बीच भारत आ जाएंगे. राफेल की संख्या 35 तक पहुंच जाएगी. वहीं आखिरी विमान इस साल अप्रैल तक आ जाएगा. ऐसे में निश्चित ही राफेल के आने से भारत की हवाई ताकत में इजाफा होगा. खास बात यह है कि ये सभी विमान भारत की जरूरत के अनुसार अत्याधुनिक हथियारों से लैस किए गए हैं जो कि भारत के दुश्मनों को कभी-भी मुसीबत में डाल सकते हैं.
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राफेल की विशेषताओं पर भारतीय वायुसेना कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है किंतु जानकारी के मुताबिक ये राफेल विमान लंबी दूरी की रेंज तक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, कम बैंड आवृत्ति वाले जैमर, उन्नत संचार प्रणाली, अधिक सक्षम रेडियो अल्टीमीटर, रडार अलर्ट रिसीवर से लैस हैं. इसके अलावा इसमें हाई एल्टीट्यूड इंजन स्टार्ट अप, सिंथेटिक अपर्चर रडार, ग्राउंड मूविंग टारगेट इंडिकेटर और ट्रैकिंग, मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम भी लगाया गया है जो कि इसे अन्य राफेल विमानों से अलग करता है. ये सभी राफेल विमान भारतीय वायुसेना के अंबाला एयरबेस और हाशिमारा एयरबेस पर तैनात किए हैं जहां इनके रखरखाव की सुविधाएं भी स्थापित की गई हैं.
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इन देशों ने भी जताया है भरोसा
खास बात यह है कि केवल भारत ही नहीं कई अन्य देशों की वायुसेना के बेड़े में भी राफेल विमानों को शामिल किया गया है. सबसे पहले फ्रांस ने राफेल विमान Egypt को बेचे थे और साल 2017 तक Egypt के पास 14 विमान पहुंच गए थे. वहीं कतार ने भी फ्रांस से राफेल विमान खरीदें हैं. इसके अलावा इस लिस्ट में ब्राजील और स्विट्जरलैंड जैसे देश भी शामिल हैं. खबरें यह भी हैं कि ग्रीस से लेकर यूएई तक फ्रांस के इस लड़ाकू विमान को खरीदने की कोशिशें कर रहे हैं. इन देशों की दिलचस्पी इस बात का संकेत है कि राफेल पर वैश्विक भरोसा अधिक है.
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गौरतलब है कि भारत में इस विमान की ख़रीद को लेकर भ्रष्टाचार के अनेकों आरोप लगे थे और राफेल की ख़रीद एक बड़ा विवादित मुद्दा साल 2019 के लोकसभा चुनावों में भी बना लेकिन इससे रक्षा सौदे पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा.
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