आज विश्व स्वास्थ्य दिवस है और इस बार फोकस है क्लाइमेट. क्लाइमेट यानी कि जिस हवा में हम और आप सांस ले रहे हैं. आपके और हमारे लिए क्लाइमेट का सबसे पहला और डायरेक्ट रिश्ता उसी हवा से है. बात करते हैं दुनिया के सबसे प्रदूषित देश, शहर कौन से हैं. वायु प्रदूषण यानी हवा में मौजूद ज़हरीले कण इंसान के फेफड़ों, खून और दिमाग में प्रवेश कर जाते हैं. जहां-जहां ये कण पहुंचते हैं वहां आर्टरी, नर्व्स और मसल्स ब्लॉक हो सकती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक 70 लाख लोग हर साल प्रदूषण से मारे जाते हैं.
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सबसे प्रदूषित और सबसे शुद्द हवा वाले शहरों की रैंकिंग 117 देशों और शहरों केPM 2.5 के स्तर के आधार पर पर तैयार की गई है. हो सकता है कि इनमें से बहुत से शहरों या कुछ देशों के नाम भी आपने सुने ना हों। लेकिन इन शहरों की हवा में सांस लेने पर आपके जीवन के कुछ दिन बढ़ सकते हैं. World Air Quality Report 2021 के मुताबित सबसे प्रदूषित देश हैं:
बांग्लादेश – 76.9
चाड– 75.9
पाकिस्तान – 66.8
तजाकिस्तान – 59.4
भारत – 58.1
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नई दिल्ली (भारत) 85.0
ढाका (बांग्लादेश) 78.1
अनजमेना (चाड) 77.6
दुशानबे (तजाकिस्तान) 59.5
मस्कट – (ओमान) 53.9
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दुनिया में अब ऐसे कम ही देश बचे हैं जिनकी हवा बेहद साफ है.
न्यू कैलेडोनिया 3.8 - AQI
यू एस वर्जिन आइलैंड्स 4.5 - AQI
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केवल चार शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 5 से कम है
न्यू कैलेडोनिया का नाओमिया– 3.8
यूएस वर्जिन आइलैंड का शार्लेट अमाली– 4.5
प्यूरटो रिको का सैन जुआन– 4.8
ऑस्ट्रेलिया का कैनबरा– 4.8
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विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2021 की एयर क्वालिटी गाइडलाइंस के हिसाब से ये है साफ और शुद्द हवा के मानक:
PM 2.5: 24 घंटे का औसत 15 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक न हो और साल का औसत 5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक न हो.
PM10: 24 घंटे का औसत 15 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक न हो. एक वर्ष का औसत 45 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक न हो.
NO2: नाइट्रोजन डाइऑक्साइड 24 घंटे का औसत 25 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक न हो. एक वर्ष का औसत 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक न हो . अगर आपके शहरे में प्रदूषित कणों और गैसों का स्तर इतना या इससे कम रहता है तभी उस शहर की हवा को साफ माना जा सकता है.