दूसरे विश्वयुद्ध (World War II) के बाद ऐसे कम मौके आए हैं जब यूरोप ने भीषण युद्ध देखा हो. रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच जारी जंग में भी बड़ी संख्या में लोग मारे जा रहे हैं. रूस की सेनाएं आत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रही हैं. रूस तीनों मोर्चे से यूक्रेन में बमबारी कर रहा है. रूस के फाइटर जेट बम बरसा रहे हैं. रशियन तोपें भी आग उगल रही हैं.
रॉकेट अटैक में भी कई लोग मारे जा रहे हैं. पश्चिमी देश यूक्रेन को हथियार भेज रहे हैं. यूक्रेन की सेनाएं भी मुंहतोड़ जवाब दे रही हैं. स्थिति ऐसी है कि एक तरफ दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक रूस है तो दूसरी तरफ एक मामूली देश यूक्रेन है. जंग के 17 दिन बीत गए हैं लेकिन यूक्रेन ने हथियार नहीं डाले हैं. आइए समझते हैं किन हथियारों के सहारे दोनों देश एक-दूसरे से जंग लड़ रहे हैं.
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अमेरिका और एस्टोनिया ने यूक्रेन को जेवलिन मिसाइलें (Javelin missiles) दी हैं. इसे FGM-148 के नाम से भी जाना जाता है. इस मिसाइल के जरिए टैंकों को तबाह किया जा सकता है. मिसाइल पोर्टेबल है, हल्का है और कंधे पर रखकर कोई सैनिक अपने टार्गेट को तबाह कर सकता है. जेवलिन मिसाइलें आमतौर पर ऊपर किसी जगह से टार्गेट पर हमला करती हैं. यह बहुत हल्की होती हैं. जेवलिन मिसाइल से 4.5 किलोमीटर दूर भी टार्गेट को भेद सकती है. यह टैंक को भी तबाह करने में सक्षम है. इससे किसी भी इमारत को तबाह किया जा सकता है. जेवलिन मिसाइल के जरिए इमारतों को तबाह किया जा सकता है. इसके जरिए किसी भी फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को उड़ाया जा सकता है जो नजदीक से उड़ रहा है.
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रूसी सेना के पास यूक्रेन के प्रतिष्ठानों को तबाह करने के लिए कैलिबर क्रूज मिसाइल (Caliber) है. कैलिबर बेहद खतरनाक हथियार है. कीव और खारकीव में रूस, यूक्रेन के रिहायशी इलाकों में इसका इस्तेमाल कर रहा है. यही वजह है कि कई लोग मारे जा रहे हैं. रूसी सैनिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों को तबाह कर रहे हैं.
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सोवियत संघ के जमाने में ही डिजाइन किए गए ग्रैड (हेल), स्मर्च (टोरनाडो) और उरगन (हरिकेन) जैसे खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल रूस कर रहा है. कई रॉकेट लॉन्चरों को ऐसे डिजाइन किया गया है जिनके जरिए सैन्य हथियारों को आसानी से तबाह किया जा सकता है. इनके इस्तेमाल से बड़ी संख्या में लोगों को नुकसान पहुंच रहा है. इसकी बड़े स्तर पर लॉन्चिंग की जा सकती है. बीएम-21 (ग्रैड) मिसाइल भी बेहद खतरनाक है. इसे मल्टिपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) के जरिए लॉन्च किया जा सकता है. इससे तबाही मच सकती है. यह सटीक निशाना लगाने में सक्षम है.
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लिथुआनिया (Lithuania) की सेना ने यूक्रेन को स्टिंगर एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें दी हैं. स्टिंगर गेम चेंजर हथियार साबित हो सकता है. यह जमीन पर सैनिकों को हवाई क्षेत्र से लड़ने की क्षमता देता है. यह तबाही मचा सकता है.
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बायरकटार (Bayraktar TB2) दुश्मनों के लिए बेहद खतरनाक है. इसे तुर्की ने तैयार किया है. यह मानव रहित ड्रोन की तरह है जिससे बड़ी तबाही मचाई जा सकती है. यह एक एंटी आर्मर हथियार है. यूक्रेन ने रूस के कई टैंक्स को इसके जरिए तबाह किया है.
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क्लस्टर बम ख़तरनाक इसलिए माने जाते हैं क्योंकि इसके दगने के बाद कई सारे छोटे विस्फोटक निकलते हैं. ये छोटे विस्फोटक निर्धारित लक्ष्य के आसपास भी नुक़सान पहुंचाते हैं. इससे आम लोगों को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है. मुख्य बम के फटने के बाद आसपास गिरने वाले छोटे विस्फोटक लंबे समय तक पड़े रह सकते हैं. ऐसे में युद्ध खत्म हो जाने के बाद भी इन बमों की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है. यूक्रेन और रूस दोनों इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.