हम में से कई लोगों को पता है कि ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय भी इसे लेकर समय-समय पर लोगों को जागरूक करता रहता है. बावजूद इसके हम ऐसा करने से नहीं कतराते हैं. हालांकि, कई लोग दवाओं की एक्सपायरी डेट जरूर चेक कर लेते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक्सपायरी डेट से अलग भी कई ऐसी कॉमन चीजें हैं जिसे चेक कर लेना बेहद जरूरी है? आज हम आपको ऐसी ही कुछ खास और बेहद जरूरी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं.
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आपने अक्सर दवाइयों के पैकेट पर लाल रंग की पट्टी को देखा होगा और उसे नजरअंदाज किया होगा लेकिन यह अनदेखी आप पर भारी पड़ सकती है. साल 2016 में भारत सरकार (Government of India) के स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट शेयर कर इस लाल पट्टी के बारे में जानकारी साझा की थी. मंत्रालय ने बताया था कि यह लाल पट्टी महज एक डिजाइन नहीं है बल्कि इसके पीछे एक खास मतलब छिपा है.
मंत्रालय के अनुसार, जिस दवा के पैकेट पर लाल पट्टी होती है वो बिना डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन के नहीं लेनी चाहिए. इतना ही नहीं, फार्मेसी भी ऐसी दवाएं बिना डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन के नहीं बेच सकता है. इन दवाओं में प्रमुख तौर पर एंटीबायोटिक्स (Antibiotics), नींद, मूड स्विंग या डिप्रेशन की गोलियां होती हैं.
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लाल पट्टी की तरह हरे और लाल रंग के डॉट में भी खास मतलब छिपा है. यह निशान बताता है कि आप जो खाने जा रहे हैं वह शाकाहारी है या फिर मांसाहारी. यानी अगर आपके द्वारा खरीदी गई दवाई शाकाहारी है तो उसके पीछे एक हरे रंग का डॉट होगा. वहीं, अगर आपके द्वारा खरीदी गई दवाओं में जरा सी भी मात्रा मांस की होगी तो इसके पैकेट के पीछे वाले हिस्से पर लाल निशान होगा. देखने में यह निशान ठीक हरे निशान जैसा ही होगा लेकिन इसका रंग लाल होगा.
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कई दवाओं के पत्तों पर NRx लिखा होता है. इसका मतलब है कि दवा नशीली है और इसे केवल लाइसेंस रखने वाले लोग ही बेच सकते हैं.
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XRx लिखी दवाओं को केवल ऐसे डॉक्टर बेच सकते हैं जिनके पास लाइसेंस हो, जैसे एनेस्थिसियोलॉजिस्ट (Anesthesiologist). साथ ही ये दवा एक डॉक्टर ही मरीज को दे सकता है. इन दवाओं को आप किसी मेडिकल स्टोर से नहीं खरीद सकते हैं, भले ही आपके पास डॉक्टर द्वारा लिखा गया पर्चा ही क्यों ना हो.
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आपने देखा होगा कि डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन में भी कई तरह के कोड-वर्ड का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे अगर किसी दवा के साथ Amp लिखा हो तो उसका मतलब होता है कि इस दवा को रात के खाने से पहले लेना है. वहीं AQ का मतलब है कि इसे पानी के साथ लेना है. किसी दवा के साथ BID लिखे होने का मतलब है कि वो दवा दिन में दो बार लेनी है. इसके अलावा ईयर ड्रॉप के लिए AU जैसे शॉर्ट फॉर्म का प्रयोग किया जाता है. इसका मतलब होता है कि ड्रॉप को दोनों कानों में डालना है.
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ऐसे ही कई तरह के टेस्ट के लिए भी कुछ शॉर्ट फॉर्म्स का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे चेस्ट एक्स-रे के लिए CXR और दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए CV. कंप्लीट ब्लड काउंट के लिए CBC का प्रयोग होता है तो कुल्ला या गार्गल करने के लिए Garg जैसे शॉर्ट-फॉर्म का यूज किया जाता है.