रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से वहां जारी युद्ध दुनिया भर के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. ऐसे में भारत की सबसे बड़ी चिंता है वहां फंसे भारतीय छात्र. इन्हें सुरक्षित अपने देश वापस लाने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की है. इस ऑपरेशन के तहत लगातार फ्लाइट्स के माध्यम से भारतीय छात्रों को देश वापस लाया जा रहा है. इससे पहले भी कई बार विपरीत हालातों में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए ऐसे मिशन चलाए जा चुके हैं-
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अगर आप बॉलीवुड फिल्में देखते हैं तो इस रेस्क्यू मिशन पर 'एयरलिफ्ट' नाम से ही फिल्म भी बन चुकी है. इस मिशन के तहत भारत सरकार ने पूरे दो महीने तक चले अभियान के जरिए भारतीय नागरिकों को कुवैत से अपने देश लाने का अभियान चलाया था. इसके बाद एयर इंडिया का नाम गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल हुआ था. यह सबसे बड़ा इवेक्युएशन मिशन था. उस दौरान एक लाख से ज्यादा इराकी सैनिक कुवैत में घुस गए थे और दो लाख से ज्यादा भारतीय कुवैत में बिलकुल बेसहारा और नाउम्मीद होने के मजबूर हो गए थे.
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अरब बलों के गठबंधन ने मार्च 2015 में यमन में हवाई हमले किए, ऐसे में यमन के विभिन्न स्थानों पर फंसे 4000 से अधिक भारतीय नागरिकों को तत्काल निकाले जाने की जरूरत थी. इस दौरान भारतीय नागरिकों की निकासी के लिये विदेश मंत्रालय, भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना और एयर इंडिया की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन को पूरा करने का काम किया था. इस अभियान में भारत ने ना सिर्फ 4640 देशवासियों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला बल्कि अन्य देशों के लगभग 1000 लोगों को भी बचाने में अहम भूमिका निभाई. यह अभियान 1 अप्रैल से 9 अप्रैल तक चला था.
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साल 2015 में नेपाल में आए भूकंप के दौरान यह बचाव और राहत अभियान शुरू किया गया था. इसमें भूकंप के कुछ ही मिनट बाद बचाव अभियान के लिए भारत सरकार सक्रिय हो गई थी. भारतीय सेना के अथक प्रयासों से लोगों की जान बचाने में सफलता भी मिली थी. ये मिशन 26 अप्रैल 2015 को शुरू हुआ था. इसे भारत की गोरखा रेजिमेंट ने शुरू किया था, इसमें नेपाल के पूर्व सैनिक भी शामिल थे.
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जब कोरोना महामारी की वजह से पूरी दुनिया में हताशा और निराशा का माहौल था तब विदेशों से भारतीय नागरिकों को अपने देश वापस लाने के लिए वंदेभारत मिशन की शुरुआत की गई थी. इसके तहत 60 लाख भारतीयों को वतन वापस लाया गया था. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लग गई थी. मगर भारत सरकार ने अपने नागरिकों को वापस देश लाने के लिए चार्टर्ड फ्लाइट और नेवल शिप्स का इस्तेमाल किया था.
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रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को स्वदेश लाने के लिए यह मिशन शुरू किया गया है. फिलहाल लगभग 18 हजार भारतीय छात्र यूक्रेन में हैं. अब तक दो फ्लाइट्स के जरिए लगभग 500 छात्र अपने देश लाए जा चुके हैं.