हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति के सिस्सू में स्नो मैराथन आयोजित हुई है. तापमान माइनस 10 डिग्री था लेकिन धावकों के जोश में कोई कमी दिखाई नहीं दे रही थी. इस मैराथन में आर्मी के जवानों ने भी हिस्सा लिया था. कुल 100 प्रतिभागी मैराथन के रनर बने.
Slide Photos
Image
Caption
हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति के सिस्सू में माइनस 10 डिग्री तापमान में देश की पहली स्नो मैराथन शुरु हुई थी. भारतीय सेना, नेवी सहित देश के विभिन्न भागों से लाहुल पहुंचे धावकों का जोश ऐसा था कि उन्हें कड़ाके की ठंड भी रोक नहीं पाई. सुबह 6 बजे स्नो मैराथन को हरी झंडी दी गई थी तो बर्फीले ट्रैक पर धावक पहली स्नो मैराथन में 42, 21,10,5, 1 km दूरी की श्रेणी के लिए निकल पड़े.
Image
Caption
मैराथन में हिस्सा लेने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से उत्साही धावक पहुंचे थे. आर्मी और नेवी के कुछ जवानों ने भी हिस्सा लिया था. इसके अलावा, विशाखापत्तनम, दिल्ली, लखनऊ, पंजाब, हरियाणा, पुणे सहित हिमाचल के लगभग सौ प्रतिभगी पहली स्नो मैराथन में शामिल हुए हैं.
Image
Caption
उपायुक्त लाहुल-स्पीति नीरज कुमार ने मौके पर पहुंचकर प्रतिभगियों का उत्साह बढ़ाया. उन्होंने कहा कि देश में हो रही पहली मैराथन का आयोजन लाहौल-स्पीति में हो रहा है. यह पूरी घाटी के लिए गौरवान्वित करने वाला पल है. उन्होंने कहा कि पहली बार ही देश भर से 100 प्रतिभागी पहुंचे है लेकिन आने वाले समय में यह मैराथन बड़े स्तर पर आयोजित होगी. इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और देश भर के लोगों को बर्फ में दौड़ने का मौका मिलेगा.
Image
Caption
उच्च शिक्षा निदेशक हिमाचल भी पहली स्नो मैराथन देखने पहुंचे थे. उन्होंन कहा कि शिक्षा विभाग जल्द स्कूल और कॉलेज में साहसिक गतिविधियां शुरू की जाएंगी. बता दें कि लाहौल-स्पीति बाइकर्स और टूरिस्ट के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र रहा है.
Image
Caption
बता दें कि स्नो मैराथन यूं तो यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में काफी लोकप्रिय है. हालांकि, भारत में पहली बार इसका आयोजन किया गया है. कई देशों में स्नो मैराथन के लिए कोर्स भी कराए जाते हैं. स्नो मैराथन चुनौतीपूर्ण माना जाता है क्योंकि बर्फ और ऊंचाई की वजह से ऑक्सिजन मेंटेन करना मुश्किल होता है.