डीएनए हिंदी: देश के जाने-माने उद्योगपति साइरस मिस्त्री की रविवार को एक सड़क हादसे में मौत हो गई. वह अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे. तभी बीच रास्ते में उनकी कार डिवाइडर से टकराई और यह हादसा हुआ. कार में वह अकेले नहीं थे. उनके साथ तीन लोग और थे. साइरस के साथ जहांगीर पंडोले नाम के एक शख्स की भी जान चली गई थी. जबकि जानी-मानी स्त्रीरोग विशेषज्ञ अनाहिता पंडोले और उनके पति डेरियस पंडोले इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. पुलिस की जांच में इस हादसे को लेकर अब कई खुलासे हो रहे हैं. शुरुआती जांच के मुताबिक सीट बेल्ट ना पहनने और ओवर स्पीड की वजह से यह हादसा हुआ. इस लापरवाही को लेकर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. जानते हैं क्या हैं ये सवाल और इनके पीछे की कहानी-

सीट बेल्ट नहीं लगाई, एयर बैग भी नहीं खुले
हादसे के वक्त डॉक्टर अनाहित कार ड्राइव कर रही थीं. उनके पति भी उनके साथ फ्रंट सीट पर बैठे थे. हादसे में जान गंवाने वाले साइरस और उनके साथी जहांगीर पीछे की सीट पर बैठे थे. कार जब सामने से डिवाइडर पर जा टकराई तब यह हादसा हुआ. बताया जा रहा है कि उस वक्त सामने के एयर बैग तो खुल गए जिसकी वजह से आगे बैठे दोनों लोगों की जान बच गई, हालांकि दोनों ही गंभीर रूप से घायल हैं. मगर पीछे बैठे साइरस और जहांगीर ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी और एयर बैग भी नहीं खुले. ऐसे में दोनों की ही जान चली गई. क्या ये जान बच सकती थी? क्या दोनों ने सीट बेल्ट लगाई होती तो यह हादसा नहीं होता?

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Seat Belt Rules

क्या कहते हैं ऑटो एक्सपर्ट
जाने-माने ऑटो एक्सपर्ट रणजॉय मुखर्जी कहते हैं, 'अगर साइरस और उनके साथी ने सीट बेल्ट लगाई होती तो उनकी जान बच जाती.  पीछे बैठने वाले लोगों को भी सीट बेल्ट जरूर लगानी चाहिए. अगर उन्होंने सीट बेल्ट लगाई होती तो हो सकता है उन्हें छोटा-मोटा फ्रैक्चर होता,लेकिन जान बच जाती. पीछे दी गई सीट बेल्ट का काम भी आगे वाली सीट बेल्ट की तरह ही होता है. सीट बेल्ट पीछे के पिलर से अटैच होती है. ऐसे में अगर एकदम से गाड़ी रुके तो सीट बेल्ट आपको पकड़ कर रखती है आगे नहीं गिरने देती. जब आप आगे की सीट से टकराते नहीं हैं, तो बचाव हो जाता है.

क्या कहते हैं नियम
रणजॉय कहते हैं केंद्रीय मोटर वाहन नियमों की धारा 138 (3) में पीछे के यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है. ऐसा न करने पर एक हजार रुपये का चालान हो सकता है. मगर रणजॉय खुद यह मानते हैं कि देश में 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग इस नियम का पालन नहीं करते हैं. ट्रैफिक पुलिस भी इसे लेकर लापरवाह नजर आती है. मौत की ऐसी घटनाओं को देखते हुए सीट बेल्ट नियमों को लेकर सख्ती बरता जाना बहुत जरूरी है. बता दें कि जसपाल भट्टी और बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की मौत भी ऐसी ही सड़क दुर्घटना में हुई थी.  सीट बेल्ट लगाने पर ऐसी दुर्घटनाओं में जान गंवाने से बचा जा सकता है.

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आनंद महिंद्रा ने भी की ये अपील
इस हादसे को लेकर आनंद महिंद्रा ने भी ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि मैं कार की पिछली सीट पर भी हमेशा अपनी सीट बेल्ट पहनने का संकल्प लेता हूं. मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि वह भी प्रतिज्ञा लें. इस पर एक यूजर ने लिखा कि भारत में अग्रणी ऑटोमोबाइल निर्माताओं में से एक महिंद्रा को यह सुनिश्चित करें कि जब तक ड्राइवर या बाकी लोग सीट ना पहन लें तब तक कार स्टार्ट ही ना हो. एक यूजर ने लिखा कि उसने कैब में बेंगलुरु से कोयंबटूर का अपना ट्रिप इसलिए कैंसिल कर दिया क्योंकि सीट बेल्ट इस्तेमाल करने लायक नहीं थी. 

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कार के पीछे वाली सीट बेल्ट लगाना क्यों है जरूरी? जानें क्या हैं नियम, लापरवाही न
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कार के पीछे वाली सीट बेल्ट लगाना क्यों है जरूरी? जानें क्या हैं नियम, लापरवाही ने ले ली इन हस्तियों की जान