डीएनए हिंदी: देश के प्रथम नागरिक का सम्मान और रुतबा बहुत ऊंचा होता है. एक सामान्य पृष्टभूमि से आकर राष्ट्रपति के पद तक पहुंचने वाले रामनाथ कोविंद का कार्यकाल कई लिहाज से यादगार है. उन्होंने कभी राष्ट्रपति रहते दुर्दांत अपराधियों की दया याचिकाएं खारिज कीं तो कभी पद्मश्री सम्मान देते हुए खुद सिर झुकाकर आशीर्वाद लिया था. उनके कार्यकाल का जब भी जिक्र होगा तो उनकी सादगी और विनम्रता को हमेशा ही याद किया जाएगा. देखें ऐसे ही वो खास पल जब राष्ट्रपति कभी भूटान के राजकुमार पर प्यार लुटाते दिखे तो कभी गांव की मिट्टी को माथे से लगा सबका दिल जीत लिया था.
Ram Mandir के लिए दिया चंदा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राम मंदिर निर्माण के लिए 5,00,100 रुपये की निधि मंदिर ट्रस्ट को दिया था. कुछ लोगों ने उनकी आलोचना भी की थी कि यह संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है. राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल में धार्मिक मान्यताओं के पालन के साथ संवैधानिक मूल्यों और धर्म निरपेक्ष विरासत को बखूबी अपनाया था. उन्होंने ईद के त्योहार पर एक गरीब साइकलिस्ट लड़के को अपनी तरफ से गिफ्ट में साइकल दी थी.
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भूटान के राजकुमार पर लुटाया था प्यार
राष्ट्रपति कोविंद की सहजता उस वक्त देखने लायक रहती है जब वह बच्चों के साथ समय बिताते हैं. साल 2017 में भूटान नरेश पत्नी और बेटे साथ भारत के आधिकारिक दौरे पर पहुंचे थे. इस वक्त राष्ट्रपति ने भूटान नरेश के छोटे से बेटे पर खूब प्यार-दुलार लुटाया था और अपनी तरफ से तोहफा भी दिया था. राष्ट्रपति की इस सहजता की लोगों ने खूब तारीफ की थी.
गांव की मिट्टी को सिर पर लगाकर दिया सम्मान
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जब कानपुर देहात के अपने गांव परौंख पहुंचे थे तो उन्होंने हैलीपैड से उतरकर सबसे पहले गांव की मिट्टी को माथे से लगाया था. देश के सर्वोच्च पद पर रहते हुए भी वह अपने गांव की मिट्टी को नहीं भूले. इस यात्रा के दौरान उन्होंने अपने बचपन के दोस्त कृष्ण कुमार से भी मुलाकात की थी. गांव के पुराने पथरी देवी के मंदिर जाकर उन्होंने पूजा-पाठ भी किया था.
शहीद की मां-पत्नी को सम्मान देते वक्त छलके थे आंसू
साल 2018 में राष्ट्रपति कोविंद का गणतंत्र दिवस के मौके पर देश ने एक अलग ही रूप देखा था. शहीद गरुड़ कमांडो जेपी निराला की पत्नी और मां मरणोपरांत अशोक चक्र लेने पहुंची थीं. इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद दोनों महिलाओं को देखकर बहुत भावुक हो गए थे और उनके आंसू छलक पड़े थे. राष्ट्रपति के साथ पूरा देश एक बार रो पड़ा था और शहीद के लिए उनका सम्मान देखकर सब उनके मुरीद हो गए थे.
निर्भया के दोषियों की दया याचिका की थी खारिज
ऐसा नहीं है कि देश ने बतौर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का सिर्फ भावुक, आत्मीय और विनम्र रूप ही देखा है. दुर्दांत अपराधियों के लिए उनका सख्त रूख भी देश ने देखा है. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 6 दया याचिकाओं को खारिज किया था. इसमें 2012 के दिल्ली निर्भया गैंग रेप के दोषियों समेत बिहार में सामूहिक नरसंहार के हत्यारे जगत राय की याचिकाएं शामिल थीं. राष्ट्रपति ने जब निर्भया के दोषियों की दया याचिका खारिज की थी तो निर्भया की मां ने खास तौर पर उनका शुक्रिया अदा किया था.
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पद्मश्री देते हुए कई बार बुजुर्ग हस्तियों के सामने सिर झुकाया
देश के राष्ट्रपति ही पद्म सम्मान देते हैं और पद्म सम्मान देने के दौरान देश ने राष्ट्रपति कोविंद की विनम्रता को देखा है. कई बार उन्होंने बुजुर्ग हस्तियों के सामने सिर झुकाकर आशीर्वाद लिया था. राष्ट्रपति की इस विनम्रता की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हुई थी. कर्नाटक में हजारों पौधे लगाने वालीं 107 साल की सालूमरदा थीमक्का ने पद्म सम्नान लेने के बाद उनके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया था. इसी तरह से 102 साल के नंदा सर के नाम से मशहूर ओडिशा के शिक्षाविद ने भी उन्हें आशीर्वाद दिया था और वह तस्वीर भी सोशल मीडिया पर छा गई थी.
राष्ट्रपति के पीएम मोदी के साथ हमेशा अच्छे सबंध रहे हैं लेकिन विपक्षी दलों के लिए भी उन्होंने राष्ट्रपति भवन का दरवाजा हमेशा खोले रखा था. बतौर राष्ट्रपति उन्होंने हमेशा ही पद और गरिमा का सम्मान किया और परंपराओं को पूरी कुशलता से निभाया है. कुछ ही दिनों में उनका कार्यकाल खत्म होने वाला है लेकिन वह हमेशा अपनी सहजता, गरिमा के लिए याद किए जाते रहेंगे.
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शहीद के लिए आंसू, गांव की मिट्टी को नमन, देखें ऐसे मौके जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जीता दिल