डीएन हिंदी: राफेल विमाल, S-400 डिफेंस सिस्टेम और तमाम नए आधुनिक हथियार... भारत लगातार खुद को सुरक्षा के मोर्चे पर बहुत मजबूत करता जा रहा है. भारत की बढ़ती ताकत से चीन बहुत परेशान है और अब चीन की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ने वाली है. दरअसल भारत निकट भविष्य में अमेरिका से MQ-9B Drone खरीदने जा रहा है. ये वही ड्रोन है जिसके जरिए अमेरिका ने हाल ही में अलकायदा के सरगना अल जवाहिरी को ढेर किया था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एमक्यू-9बी ड्रोन को लेकर भारत और अमेरिका के बीच बातचीत अंतिम चरण में है. दावा किया जा रहा है कि इस ड्रोन के जरिए भारत LAC पर और हिंद महासागर में निगरानी बढ़ा देगा.
तीनों सेनाओं को दिया जाएगा यह ड्रोन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत सरकार का MQ-9B Drone थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनों के लिए खरीदने का प्लान है.यह ड्रोन समुद्री सतर्कता, पनडुब्बी रोधी आयुध, क्षितिज के परे लक्ष्य साधने और जमीन पर मौजूद लक्ष्यों को निशाना बनाने समेत विभिन्न कार्य करने में सक्षम हैं. अमेरिका की कंपनी जनरल एटॉमिक्स द्वारा बनाया जाने वाला यहा रिमोट- संचालित ड्रोन करीब 35 घंटे तक हवा में रह सकता है. इसे निगरानी, खुफिया जानकारी जुटाने और दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने सहित कई उद्देश्यों के लिए तैनात किया जा सकता है. यह चार हेलफायर मिसाइल और करीब 450 किग्रा बम ले जा सकता है.
दो तरह के हैं MQ-9B ड्रोन
एमक्यू-9बी के दो प्रकार हैं- स्काई गार्डियन और सी गार्डियन. सूत्रों ने बताया कि बातचीत लागत घटक, हथियारों के पैकेज और प्रौद्योगिकी को साझा करने से संबंधित कुछ मुद्दों को सुलझाने पर केंद्रित है. ऐसा समझा जाता है कि अप्रैल में वाशिंगटन में भारत एवं अमेरिका के बीच हुई ‘टू प्लस टू’ (विदेश एवं रक्षा मंत्री स्तर की) वार्ता के दौरान भी खरीदारी के प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी. भारतीय नौसेना को 2020 में मुख्य रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी के लिए अमेरिका से दो ‘एमक्यू-9बी सी गार्जियन’ ड्रोन लीज पर मिले थे. गैर-हथियार वाले दो एमएक्यू-9बी ड्रोन एक वर्ष के लिए पट्टे पर दिए गए थे और उसकी अवधि को एक और वर्ष बढ़ाने का विकल्प था.
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भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी सेना पीएलए के युद्धपोतों सहित चीन की बढ़ती गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अपने निगरानी तंत्र को मजबूत कर रही है. जनरल मोटर्स के अनुसार, एमक्यू9- बी को न केवल नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) के मानकों को पूरा करते हुए बल्कि अमेरिका और दुनिया भर में असैन्य हवाई क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाया गया है. भारतीय नौसेना ने इन ड्रोन की खरीद के लिए प्रस्ताव किया था और तीनों सेनाओं को 10-10 ड्रोन मिलने की संभावना है.
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‘प्रीडेटर’ ड्रोन को लंबे समय तक हवा में रहने और ऊंचाई वाले क्षेत्रों की निगरानी के लिए खास तौर पर डिज़ाइन किया गया है. भारतीय सशस्त्र बल पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के बाद ऐसे हथियारों की खरीद पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. अमेरिका ने 2019 में भारत को सशस्त्र ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दी थी और एकीकृत वायु एवं मिसाइल रक्षा प्रणालियों की भी पेशकश की थी. भारत ने पिछले साल फरवरी में नौसेना के लिए अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से 24 एमएच -60 रोमियो हेलीकॉप्टर की खरीद के लिए अमेरिका के साथ 2.6 अरब डॉलर का सौदा किया था. उन हेलीकॉप्टर की आपूर्ति शुरू हो गई है.
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इनपुट- एजेंसी
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MQ-9B Drone: चीन सहमा! भारत को मिलने वाला है एमक्यू-9बी ड्रोन, जानिए इसकी खासियत